हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों के लिए सरकार बढ़ा तोहफा लेकर आ रही है. सरकार हिमाचल प्रदेश में सेब की बागवानी को पुनर्जीवित करने को 500 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार कर रही है. बागवानी विभाग द्वारा कार्यान्वित अलग-अलग योजनाओं की कार्य प्रगति का मूल्यांकन करने के को समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना 5 साल के लिए कार्यान्वित की जाएगी.


यह किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण को बढ़ाने पर आधारित होगी. उनके द्वारा जारी किए गए बयान में उन्होंने कहा कि सरकार जिला स्तर पर आधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने की योजना तैयार कर रही है.


इससे बागवानों यानि बाग की खेती रकने वाले किसानों को बहुत जरूरी सहायता मिलेगी. बागवानी में विविधीकरण के महत्व को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और बागवानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए बच्छे भंडारण और विपणन प्रणाली का विकास करने की आवश्यकता है.


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डीबीटी को प्राथमिकता देने पर जोर
सुक्खू ने किसानों और बागवानों को अधिकतम फायदा पहुंचाने के लिए मंडी मध्यस्थता के तहत डीबीटी यानि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं. उनके द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान राज्य की अलग-अलग बागवानी योजनाओं की उपलब्धियों की समीक्षा की गई.


बागवानी विकास योजना के तहत पावर टिलर और स्प्रेयर पर 12.84 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 4,244 बागवानों को लाभ मिला. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 3,156 बागवानों को फायदा हुआ.


हिमाचल पुष्प क्रांति योजना
इसी प्रकार, एंटी हेल नेट योजना में पिछले वर्ष 14.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 1,767 लोग लाभान्वित हुए, जबकि इस वित्तीय वर्ष में अब तक 10.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 1,223 लोगों को लाभ हुआ. इसके अलावा, हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत 2023-24 में 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 750 लोगों का फायदा होगा.

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