Animal Conservation In India: देश में पशुओं की विभिन्न प्रजातियों की घटती संख्या से केंद्र सरकार चिंतित हैं. केंद्र सरकार और उसकी विभिन्न संस्थाएं ऐसी ही प्रजातियों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं. हिमालय क्षेत्र का विशिष्ट आकर्षण और वहां की नेचर में अहम योगदान निभालने वाले याक को लेकर अब ऐसे ही कदम उठाए गए हैं. याक की घटती संख्या से केंद्र सरकार परेशान थी. अब सरकार के इस कदम से याक की सुरक्षा हो सकेगी.


हिमालयी याक खाद्य पशु घोषित


हिमालय क्षेत्र में याक आपने भी देखने होंगे. अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हिमालयी याक को ‘खाद्य पशु’ के तौर पर परमिशन दे दी है. अधिकारियों का कहना है कि हिमालय क्षेत्र में याक की अलग पहचान है. उसकी संख्या कम होना वाकई चिंता करने वाली है. इस स्टेप से उन्हें संरक्षित करने मेें मदद मिलेगी. 


क्या होते हैं खाद्य पशु?


एक्सपर्ट का कहना है कि खाद्य पशु उन पशुओं को कहा जाता है, जिन्हें मनुष्य पालते हैं और खाद्य प्रॉडक्शन व उपभोग में काम लेते हैं. इन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है. जानकारों का कहना है कि एफएसएसएआई के इस कदम याक की संख्या बढ़ने के आसार हैं. ऐसा हुआ तो हिमालयी क्षेत्र और खूबसूरत दिखेगा. 
 
वर्ष 2021 में दिया था प्रस्ताव


अरुणाचल प्रदेश में पश्चिमी कामेंग जिले के दिरांग में याक से संबंधित राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (एनआरसी-याक) ने वर्ष 2021 में याक को खाद्य पशु के रूप में मानने के लिए एफएसएसएआई को एक प्रस्ताव भेजा था. पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सिफारिश के बाद ही FSSAI ने हाल ही में आधिकारिक तौर पर सहमति दे दी है. 


कितनी है याक की संख्या


देश में याक की तादाद तेजी से घटी है. वर्ष 2012 में याक पशुओं की गणना कराई गई थी. उसके बाद वर्ष 2019 में गणना हुई. वर्ष 2022 की गणना में 58 हजार याक देश में मिले. यह वर्ष 2012 की तुलना में 25 प्रतिशत कम रहे. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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