Process of Growing Lotus at Home: कमल को राष्ट्रीय फूल (National Flower Lotus) का दर्जा दिया गया है. यहां कमल को सिर्फ फूल की तरह नहीं उगाया जाता, बल्कि इसके औषधीय और धार्मिक महत्व भी है. कमल के फूल को हिंदू देवी-देवताओं को चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है. बाजार में इसकी काफी डिमांड (Lotus Demand) भी होती है, लेकिन कमल का फूल हर जगह मिल पाता, क्योंकि ये एक जल निकाय फूल है, जिसे तालाब, नदी, सरोवर जैसे जल निकायों में ही उगा सकते हैं.


यदि आप चाहें तो बेहद सिंपल स्टेर्स फॉलो करके घर पर ही कमल का फूल उगा सकते हैं. इसके लिये ज्यादा जद्दोजहद करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि फ्लावर पॉट, टब या टैंक में भी कमल का पौधा (Lotus Plant at Home)लगा सकते हैं.


आवश्यक सामग्री



  • कमल के बीज (Lotus Seeds)

  • एक कांच का ग्लास

  • दो गमले (एक नॉर्मल साइज और एक टब साइज)

  • चिकनी काली मिट्टी

  • वर्मीकंपोस्ट या गोबर की खाद

  • पानी का टैंक




कमल के बीज से बनायें पौधा
कमल का पौधा लगाने के दो तरीके होते हैं, या तो बाजार से पौधा खरीदकर किसी कंटेनर में लगा दिया जाये, या फिर बीज की मदद से एक दम नया पौधा बनाया जाये. ज्यादातर लोग गमले या टैंक में बीज को लगाकर पौधा बनाते हैं. इसकी प्रोसेस थोड़ी लंबी होती है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर 7 महीने के अंदर ताजा कमल के फूलों से घर-आंगन को खुशहाल बना सकते हैं.



  • सबसे पहले किसी प्रमाणित नर्सरी या फिर ऑनलाइन मार्केट से कमल के बीजों को खरीद लें.

  • इन बीजों की ऊपरी परत को हल्का सा चटकाकर 24 घंटे के लिये पानी के गिलास में रख दें, जिससे कि बीद का अंकुरण हो सके. 

  • इसी तरह 15 दिन तक हर 24 घंटे बाद गिलास का पानी बदलना होगा, जिससे बीज को अंकुरण और पौधा का विकास अच्छे से होगा.

  • 15 दिन बाद जब बीजों से जड़ निकलने लगें, तब इन बीजों को तैयार गमले में लगा देना चाहिये.


इस तरह तैयार करें गमला
सबसे पहले मीडियम साइज वाला गमला तैयार करना होना. इसके लिये वर्मीकंपोस्ट या गोबर की खाद और मिट्टी लें.



  • अब इस गमले में सबसे नीचे 2 इंच मोटी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट की परत बिछायें.

  • खाद के ऊपर दोबारा 4 से 6 इंच ऊंची काली मिट्टी या चिकनी मिट्टी की परत लगा दें.

  • अब तैयार गमले में हल्का पानी लगाकर अंकुरित बीजों को मिट्टी के अंदर 1से 1.5 इंच गहराई में दबा दें.

  • कमल के बीजों की बुवाई के बाद ऊपर से मिट्टी बुरक दें और गमले में हल्का पानी भी लगायें.

  • अब बड़ा साइज (18 इंच) का टब लेकर इसके अंदर कमल के गमले को रख दें.

  • इसके बाद टब को ऊपर तक पानी से भर दें, जिससे कमल का गमला पूरा पानी में डूब जाये.

  • ध्यान रखें कि टब के पानी को हर 15 दिन में बदलना होता है, ताकि कीट-पतंग या काई जमने से रोका जा सके.




अच्छी ग्रोथ के लिये डालें फर्टिलाइजर
वैसे तो कमल के पौधा उगाने के लिये वर्मीकंपोस्ट खाद, मिट्टी, पानी और अच्छी जलवायु की जरूरत होती है, लेकिन आप चाहें तो अच्छी ग्रोथ के लिये फर्टिलाइजर भी डाल सकते हैं.



  • इसके लिये एनपीके फर्टिलाइजर की 19:19:19 मात्रा ले सकते हैं. 

  • अब एक साफ कपड़ा लेकर उसमें दो चम्मच एनपीके फर्टिलाइजर डालें और पोटली बना दें.

  • इस पोटली को टब या फिर गमले की मिट्टी में दबा दें, जिससे पौधे को अच्छी ग्रोथ मिलेगी.


इन बातों का रखें ध्यान
कमल का पौधा उगाने के लिये मानसून का मौसम (Grow Lotus in Monsoon) सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि बारिश के बीच कमल के पौधे अच्छे से ग्रो कर जाते हैं. 



  • यदि कमल की पत्तियों में सड़न या गलन होने पर उन पत्तियों को हटाकर अलग कर दें.

  • आप चाहें तो पानी की साफ-सफाई के लिये छोटी-छोटी मछलियां भी टब में पाल सकते हैं.

  • यदि आप कमल की बागवानी (Lotus Gardening at Home)  बड़े एरिया में  करना चाहते हैं तो सीमेंट के टैंक या बड़ी-बड़ी क्यारियां भी बना सकते हैं.

  • कमल के पौधे को कीट-रोगों से मुक्त रखने के लिये इसमें नीम-हल्दी या फिर नीम ऑइल का स्प्रे (Neem Oil Spray in lotus Plant) कर सकते हैं.

  • कमल के पौधे (Lotus Plant Tips) को पानी के साथ-साथ अच्छी धूप भी दिखानी चाहिये.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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