Kitchen Gardening: बढ़ता प्रदूषण और खेती में केमिकल्स के इस्तेमाल से बीमारियां बढ़ती जा रही हैं. बेशक देश में ऑर्गेनिक फार्मिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, लेकिन बाजार में सब्जियां ऑर्गेनिक है भी या नहीं, ये पता लगाना ग्राहकों के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि अब बड़े-बड़े शहरों में घर पर बागवानी का चलन बढ़ रहा है. अब लोग घर पर ही गार्डन, आंगन, बालकनी और छत पर गमले लगाकर ताजा सब्जियों का प्रॉडक्शन ले रहे हैं. आधुनिक तकनीकों अब खेती के साथ-साथ गार्डनिंग को भी आसान बना दिया है.


अब चाहें तो घर बिना धूल-मिट्टी के ही ताजा सब्जियों का प्रॉडक्शन लेकर रसोई की आधी से ज्यादा पूरी कर सकते हैं. इन दिनों मिनी वर्टिकल गार्डन बनाए जा रहे हैं, जिनमें धूल-मिट्टी का कोई काम ही नहीं. इस हाइड्रोपॉनिक सेटअप में सिर्फ पानी के जरिए सब्जियां उगा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि इस तरह सब्जियों की खेती या गार्डनिंग करने पर कीड़े लगने या बीमारियां लगाने का भी खतरा नहीं रहता. आइए जानते हैं इस सेटअप में कौन-कौन सी सब्जियां उगा सकते हैं.


घर पर कैसे लगाएं मिनी वर्टिकल फार्म
मिनी वर्टिकल फार्म में गार्डनिंग के लिए हाइड्रोपॉनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है यानी सब्जियां मिट्टी से नहीं, सिर्फ पानी से उग जाती है, हालांकि पानी के साथ कुछ पोषक तत्व भी डाले जाते हैं, जो पौधों को ग्रोथ के लिए जरूरी होते हैं. इस हाइड्रोपॉनिक सेट अप में उगने वाली सब्जियां बेहद स्वादिष्ट, पौष्टिक और  सेहत के लिए काफी अच्छी रहती हैं. फायदे की बात ये है कि मिनी वर्टिकल फार्म को आप रसोई, बालकनी, छत या आंगन में भी लगा सकते हैं.


ये दीवारनुमा ढांचा गमलों के मुकाबले बेहद कम जगह घेरता है. आप चाहें तो एक या दो प्लांटर्स के साथ 10 से 15 मिनी वर्टिकल सेटअप लगा सकते हैं. इस तरह गार्डनिंग के लिए पौधे भी  अलग से ट्रे में तैयार किए जाते हैं और बाद में ट्रांसप्लांट किया जताा है. आज शहरों में कई कंपनियां ऐसी भी हैं, जो पूरा सेटअप तैयार करके देती हैं. आपको बस अपनी जरूरत के हिसाब से उसमें सब्जियां उगानी होती है. इसके लिए सीड्स भी ऑनलाइन मिल जाते हैं.


इन सब्जियों की गार्डनिंग के लिए बेस्ट
मिनी वर्टिकल फार्म में हर तरह की सब्जी उगाई जा सकती है, लेकिन बेलदार सब्जियां इसमें ज्यादा अच्छे से ग्रो करती हैं.  इस सेटअप में सब्जियां बेशक पानी से उगती हैं, लेकिन 90% तक पानी की बचत भी होती है. इनमें टमाटर से लेकर शिमला मिर्च, गोभी, पालक, धनिया, मेथी, हरी प्याज, लेट्यूस, गाजर, शलजम, मूली,  मटर, भिंडी और स्ट्रॉबेरी, खरबूज, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, अनानास के साथ-साथ पुदीना, अजवाइन और तुलसी भी उगा सकते हैं. ये वो सब्जियां, फल और मसाले हैं, जिनकाा रोजाना रसोई में इस्तेमाल होता है.


कितना खर्च आएगा
घर पर मिनी वर्टिकल फार्म लगाकर आप काफी खर्चा बचा सकते है, लेकिन शुरुआत में सेटअप के लिए कुछ खर्चा करना पड़ सकता है. करीब 100 वर्ग फुट में हाइड्रोपोनिक सेटअप लगाने के लिए आपको 50-60 हजार रुपये की लागत आ सकती है, जिसमें आप 200 पौधे उगा सकते हैं. अगर जगह कम है तो छोटा और सिंगल सिस्टम भी लग जाएगा, जिसकी लागत भी कम ही होगी. अगर आपके घर पर गार्डन या बड़ी छत है तो खुद की ऑर्गेनिक सब्जियों का बिजनेस भी कर सकते हैं.


आज के समय में कई लोग सिर्फ घर पर ही सब्जियां उगाकर लाखों की आमदनी ले रहे हैं. खासकर, ऐसे समय में जब लोगों को अपनी सेहत के बेस्ट और हेल्दी फूड्स चाहिए होते हैं, तब आपके लिए वर्टिकल गार्डनिंग फायदे का सौदा साबित हो सकती है. इसके लिए आप प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ले सकते हैं. दिल्ली में आईसीएआस-आईएआरआई से लेकर कृषि विज्ञान केंद्र और प्राइवेट इंस्टीट्यूट में वर्टिकल फार्मिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. कई लोग बिना किसी ट्रेनिंग के सिर्फ यूट्यूब से टिप्स और खुद की मेहनत से ही वर्टिकल फार्मिंग में नाम कमा रहे हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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