Bee Farming: यदि आप किसान हैं और फल-सब्जियों की खेती कर के थक गए हैं, तो ये खबर आपके लिए काम की हो सकती है. देश में तेजी से मधुमक्खी पालन बढ़ रहा है. एक्सपर्ट्स इसे मुनाफा देने वाला काम बताते हैं. बड़ी संख्या में किसान मधुमक्खी पालन कर मुनाफा कमा रहा हैं. सरकार की ओर से भी किसानों को लाभ देने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से मधुमक्खी पालन पर 80 फीसदी अनुदान दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकार भी इस काम के लिए किसानों को प्रोत्साहन देती हैं.
बिहार राज्य में सरकार की तरफ से मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक किसानों को 90 फीसदी तक का अनुदान दिया जाता है. शहद के लिए कॉलोनी सहित मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. जबकि एससी-एसटी कैटेगरी के किसानों को 90 फीसदी तक का अनुदान दिया जा रहा है.
कितना आता है खर्चा
एक्सपर्ट्स की मानें तो 10 पेटी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की जा सकती है. इसमें करीब 40 हजार रुपये तक का खर्चा आता है. मधुमक्खियों की संख्या भी प्रत्येक वर्ष बढ़ती है. जितनी ज्यादा मधुमक्खियां बढ़ती हैं, शहद उत्पादन भी उतना ही अधिक होता है. साथ ही मुनाफा उसी अनुसार कई गुना तक बढ़ता है.
कैसे करें पालन
मधुमक्खियों को रखने के लिए किसानों को कार्बनिक मोम (डिब्बे) की व्यवस्था करने की जरूरत होती है. इसमें 50 हजार से लेकर 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं. ये मधुमक्खियां करीब एक क्विंटल शहद का उत्पादन करती हैं.
होता है बेहद शानदार मुनाफा
बाजार में शुद्ध शहद की कीमतें 700 से लेकर 1000 रुपये प्रति किलो तक रहती है. यदि आप प्रति बॉक्स 1000 किलो शहद का उत्पादन करते हैं तो हर महीने में लाखों रुपये बचा सकते हैं.
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