Honey Bee Farming: 'घाटे की खेती' को मुनाफे में बदल देंगी मधुमक्खियां, सब्सिडी का लाभ लेकर इस तरह कमायें लाखों
Honey Farming: आज बेशक पारंपरिक खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके फसलों की अच्छी पैदावार के साथ हनी प्रोडक्शन से अच्छी आय ले रहे हैं.
Bee Keeping: आज भारत के ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालन का चलन बढ़ता जा रहा है. कभी पारंपरिक खेती के कारण घाटे में जा रहे किसान भी अब मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) के जरिये अच्छी पैदावार और शहद उत्पादन के जरिये अच्छी आमदनी ले रहे हैं. बात करें बिहार राज्य की तो यहां अब वैकल्पिक खेती के तौर पर मधुमक्खी पालन करना फायदे का सौदा साबित हो रहा है. एक तरफ मधुमक्खियां फसलों में परागण करके उत्पादन और उत्पादकता बढ़ा रही हैं तो वहीं राज्य सरकार की सब्सिडी योजना (Subsidy for Bee Keeping) का लाभ लेकर अब किसान शहद की खेती के लिये कॉलोनी सहित मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण कर दोगुना पैसा कमा रहे हैं. इस तरह मधुमक्खियां खेती के साथ-साथ किसानों के लिये भी फायदेमंद साबित हो रही हैं. मधुमक्खियों के जरिये अच्छी आमदनी लेने वाले किसानों में बिहार के गया जिले के किसान भी शामिल हैं.
बिहार में मधुमक्खी पालन
जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों से सही पैदावार लेना तो जैसे मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन मधुमक्खी जैसे मित्र कीटों ने इन चुनौतियों को भी कम कर दिया है. बिहार सरकार भी मधुमक्खी पालन के फायदों को देखते हुये किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक आर्थिक अनुदान देती है. इतना ही नहीं, यदि राज्य के किसान मधुमक्खी पालन से जुड़ना चाहते हैं तो प्रशिक्षण के लिये जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर भी संपर्क कर सकते हैं. इस तरह कृषि वैज्ञानिकों से ट्रेनिंग लेकर शहद क्रांति से जुड़ना आसान हो जाता है. इसके बाद 4,000 की लागत से खेतों के बीचों-बीच मधुमक्खी की बक्से लगाये जाते हैं. इस तरह मधुमक्खियों का काम और भी आसान हो जाता है.
मधुमक्खी पालन से मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज बिहार के कई किसान मधुमक्खी पालन और शहद क्रांति (Honey Revolution) से जुड़कर काफी अच्छी आमदनी ले रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें को मधुमक्खी पालन छोटे स्तर से लेकर बड़े पैमाने पर भी कर सकते हैं. ये एक ऐसा काम है, जिसमें ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती, बल्कि सही प्रबंधन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, मधुमक्खी के एक बॉक्स की कीमत करीब 3 से 4 हजार रुपये होती है, जिससे 30 किलो तक शहद ले सकते हैं. बाजार में शहद को 250 से 300 रुपये किलो के भाव पर बेचा जाता है. इस प्रकार सिर्फ एक बक्से से सालाना 6 से 8 हजार रुपये की अतिरिक्त आय होती है और बक्सों की संख्या बढ़ने से मुनाफा भी बढ़ जाता है. आज कई किसान मधुमक्खी पालन से जुड़कर 8 से 10 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं.
प्रकृति का वरदान है मधुमक्खी
मधुमक्खियां मित्र कीट है, जो कृषि और किसानों के लिये प्रकृति का वरदान हैं. ये सिर्फ फसलों की पैदावार ही नहीं बढ़ातीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन को भी नियंत्रित करती हैं. फसलों में परागण करके ये अनाजों का उत्पादन तो बढ़ाती ही है, साथ ही कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करती हैं. जहां जलवायु परिवर्तन के कारण आज फसलों का उत्पादन लेना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं ये मधुमक्खियां किसानों की तरह ही खेतों में मजदूरी करके फसलों का बेहतर उत्पादन दिलाती हैं. ये जैव विविधता का अहम हिस्सा है, इसलिये ग्रामीण इलाकों में इनके संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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