Horticulture Crops: देश में लहलहाएंगी बागवानी की फसलें, परियोजना को मिलेगी 8 महीने के बजाय 45 दिन में मंजूरी, 2100 करोड़ से तैयार होगी नर्सरी
केंद्र सरकार अब बागवानी परियोजनाओं को 8 महीने के बजाय 45 दिन में ही मंजूरी दे देगी. इससे देश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. घरेलू नर्सरी से भी बागवानी फसलों को अलग पहचान मिलेगी
Horticulture Crops In India: एग्रीकल्चर ग्रोथ के लिए जितनी महत्वपूर्ण दूसरी फसलें हैं. उतनी ही बागवानी फसलें भी हैं. केंद्र सरकार इन फसलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार ग्राउंड लेवल पर कदम उठा रही हैं.
किसानों को बागवानी फसलोें के फायदे को लेकर अवेयर किया जा रहा है. अब केंद्र सरकार भी इस संबंध में बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार के इस कदम का लाभ सीधे तौर पर किसान और इस फसल से जुड़े
कारोबारियों को मिलेगा.
45 दिन में मिलेगी परियोजना को मंजूरी
एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर दे रही है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से परियोजनाओं को मंजूरी दिए जाने वाला समय सबसे बड़ा अड़चन बन रहा था. बागवानी से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी देने में अभी तक 8 महीने का समय लग जाता था. इससे बागवानी संबंधी किसी भी योजना को जमीन पर उतरने में काफी समय लग जाता था. इससे कारोबारी मुंह मोड़ लेते. अब केंद्र सरकार ने इस समयावधि का घटाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार आने वाले दिनों में इसे घटाकर 8 महीने के बजाय 45 दिन करेगी. इसपर अधिकारिक तौर पर सहमति भी बन गई है.
नर्सरी के लिए 2100 करोड़ रुपये मंजूर
बागवानी बोर्ड बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है. ऐसी ही उच्च गुणवत्ता वाली नर्सरी तैयार करने की कवायद जारी है, जिसके पौधे देश के अलग अलग कोने में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें. नर्सरी विकसित करने के लिए 2100 करोड़ रुपये की मंजूरी भी मिल गई है. मंजूरी प्रक्रिया पहले दो चरण में होती थी. अब इसे घटाकर एक चरण में कर दिया जाएगा. गुणवत्ता परक नर्सरी होने के बाद देश के बागवानी उत्पादों को विदेशों में भी अधिक मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाएगा.
घरेलू नर्सरियों की बढ़ाई जाएगी संख्या
केंद्र सरकार कोशिश कर रही है कि बागवानी की देसी फसलों को भी बढ़ावा दिया जाए. इन्हें ही उच्च क्वालिटी वाले बनाकर एक्सपोर्ट किया जाए. इसी को लेकर घरेलू नर्सरियां तैयार की जाएंगी. पाम ऑयल की खेती के लिए नए पौध का विदेशों से भारत लाना पड़ रहा है. वर्ष 2022-23 के दौरान बागवानी उत्पादों का कुल निर्यात फिलहाल अनाज वाली फसलों के मुकाबले कम है. अब केंद्र सरकार इसे बढ़ाने पर ही जोर देगी. एक्सपर्ट का कहना है कि बागवानी फसलें बहुत तेजी से बढ़ती हैं. लेकिन निर्यात कम होने से उत्पादन का लाभ नहीं मिल रहा है. अब केंद्र सरकार इसी एक्सपोर्ट को बढ़ाएगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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