Subsidy on Spices Farming: पूरी दुनिया में भारतीय मसालों की बढ़ती डिमांड के बीच अब किसान भी मसाला उत्पादन की ओर रुख कर रहे हैं. यह खेती सच में मुनाफे का सौदा है. आप चाहें तो अपनी जमीन को मसाला बागान में बदल सकते हैं या फिर मसालों की अंतरवर्तीय खेती करने पर भी अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं. हरियाणा से लेकर राजस्थान के किसान बड़े पैमाने पर मसालों की खेती कर रहे हैं. इस काम में राज्य उद्यानिकी विभाग भी किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग दे रहा है. राजस्थान सरकार का उद्यानिकी विभाग की राज्य में मसालों की खेती और इसके क्षेत्र विस्तार के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है. इस योजना का लाभ लेकर कम से कम खर्च करके 4 हेक्टेयर खेत में मसालों का बंपर उत्पादन ले सकते हैं.
कितना मिलेगा अनुदान
राजस्थान के किसानों को मसालों का क्षेत्र विस्तार या मसालों का उत्पादन करने के लिए उद्यानिकी विभाग की तरफ से आर्थिक अनुदान के साथ-साथ तकनीकी सहयोग भी मुहैया करवाया जाएगा. इस स्कीम के नियमानुसार, जिन किसानों ने अभी तक मसालों की खेती पर अनुदान योजना का लाभ नहीं लिया है, उन्हें प्राथमिकता से लाभ दिया जाएगा.
बता दें कि आवेदन करने पर किसान अपनी आवश्यकतानुसार अधिकतम 4 हेक्टेयर और कम से कम 0.50 हेक्टेयर खेत के लिए अनुदान ले सकते हैं. इतने एरिया में मसालों की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर की कुल लागत 13,750 रुपये निर्धारित की गई है, जिस पर 40% सब्सिडी यानी 5,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिल सकता है.
इतना ही नहीं, मसालों की खेती के लिए किसानों को विभाग की तरफ से पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज का लीफलेट भी उपलब्ध करवाया जाएगा और बीज, पोषक तत्व, कीटनाशक आदि भी अनुदानित लागत पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. अधिक जानकारी के लिए dipr.rajasthan.gov.in पर विस्तार से पढ़ सकते हैं.
इन जिलों में मिलेगा लाभ
मसालों का नया क्षेत्र विस्तार करने के लिए राजस्थान उद्यानिकी विभाग ने 25 जिलों को चुना है. इनमें अजमेर , अलवर , बांसवाडा , बाडमेर , भीलवाडा , बूंदी , चित्तौडगढ , डूंगरपुर , श्रीगंगानगर , जयपुर , जैसलमेर , जालौर , झालावाड , झुंझुंनू , जोधपुर , कोटा , नागौर , पाली , सिरोही , सवाई माधोपुर , टोंक , उदयपुर , बारां , करौली शामिल है, जहां के किसान मसालों की खेती पर अनुदान का लाभ ले सकते हैं.
कैसे करें आवेदन
मसालों की खेती या मसालों का नया क्षेत्र विस्तार करने के लिए अपने नजदीकी जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क कर सकते हैं. इस स्कीम में आवेदन करने के लिए किसान के पास खुद की खेती योग्य जमीन, खेत की जमाबंदी, जन आधार कार्ड, बिजली का बिल, बैंक पासबुक की कॉपी और राजस्थान का निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए. इन सभी डोक्यूमेंट्स को साथ लेकर आप किसी भी नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाएं और ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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