सोलर पंप एक ऐसा साधन है जिससे किसान भाइयों को बिजली बिल से राहत मिलती है. ये पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. सरकार की कई योजनाओं के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. इसकी लागत की बात करें तो ये खेती में सिंचाई की जरूरतों, खेत की मिट्टी की प्रकृति और सोलर पंप की क्षमता पर निर्भर करती है. सोलर पंप लगवाने के लिए आप सरकार की योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं. सरकार कई योजनाओं के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी देती है.
इन्हीं में से एक कुसुम योजना भी है. इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए 60% की सब्सिडी दी जाती है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये पंप किसानों के अलावा पंचायतों और सहकारी समितियों को भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा, सरकार अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना के लिए लागत का 30 प्रतिशत तक लोन देती है. यही कारण है कि किसानों को इस परियोजना पर केवल दस प्रतिशत खर्च करना होगा. इस योजना से किसानों की सिंचाई की समस्या हल हो सकती है. वहीं, कृषकों को बिजली या डीजल पंपों से सिंचाई करने पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है.
ये हैं जरूरी डाक्यूमेंट्स
- किसान भाई का आधार कार्ड
- किसान का राशन कार्ड
- किसान की बैंक अकाउंट डिटेल्स
क्या हैं फायदे
- सोलर पंप से खेती के लिए बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे किसानों को बिजली बिल से राहत मिलती है.
- सोलर पंप पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं, क्योंकि इनसे प्रदूषण नहीं होता है.
- सोलर पंप की लागत कम होती है और इनका रख-रखाव भी आसान होता है.
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