हर रोज़ डेढ़ सौ से ज़्यादा किसान और मजदूर कर रहे हैं सुसाइड, ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं
Farmers Suicide: हाल ही में नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो ने किसानों की आत्महत्या को लेकर पिछले साल का डाटा जारी किया है. पिछले साल कितने किसानों ने अपनी जान ली. उसमें से कितने पुरुष थे.
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) हर साल भारत में हुए अपराधों के आंकड़ों को जारी करता है. देश में कहाँ क्या अपराध हुए. किस वजह से कितने लोगों ने अपनी जान गँवाई. इसकी सूचना नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो देता है. हाल ही में नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो ने किसानों की आत्महत्या को लेकर पिछले साल का डाटा जारी किया है. पिछले साल कितने किसानों ने अपनी जान ली. उसमें से कितने पुरुष थे,कितनी महिलाएं थीं. आंकड़ों में इस बात की भी जानकारी दी गई है.नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो द्वारा जारी किये गए किसानों की आत्महत्या के ये आंकड़े काफी चौंकाते हैं. आइये जानते हैं पूरी खबर.
पिछले साल 11290 किसानों ने की आत्महत्या
4 दिसंबर 2023 को नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो द्वारा जारी किये गए आँकड़ों के अनुसार साल 2022 में 11290 किसानों ने आत्महत्या की. किसानों की आत्महत्या के ये आंकड़े काफी हैरानी भरे हैं. क्योंकि अगर NCRB के साल 2021 के आंकड़ों को देखें तो साल 2022 का आंकड़ा उससे भी ज़्यादा है. साल 2021 में 10281 किसानों ने अपनी जान ली थी. 2022 से इन आंकड़ों को जोड़े तो 2022 में इसमें 3.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की एक और रिपोर्ट के अनुसार भारत में रोज़ाना 154 किसान-मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं. जो सरकार और देश दोनों के लिए क़ाफी चिंताजनक है.
कितने पुरुष और कितनी महिला किसान हैं?
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो द्वारा जारी किये गए आंकड़ों में साल 2022 में 11290 किसानों ने आत्महत्या की. जिसमें से 6028 किसान दूसरों के खेतों में काम करने वाले खेतिहर मजदूर थे. वहीं 5207 किसान जिन्होंने 2022 में आत्महत्या की उनमें पुरुष किसान और महिला किसान दोनों ही शामिल हैं. आँकड़ों में देखें तो इनमें 4999 पुरुष किसान शामिल हैं तो वहीं 208 महिला किसान शामिल हैं.
महराष्ट्र में सबसे ज़्यादा रहे मामले
राज्यों के हिसाब से देखें तो महाराष्ट्र, कर्नाटक और आँध्रप्रदेश में सबसे ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की. इनमें से 4248 महाराष्ट्र, 2392 कर्नाटक तो वहीं 917 किसान आंध्रप्रदेश से रहे. जहाँ कई राज्यों में आत्महत्या के काफी केस बढ़े तो भारत के कुछ राज्यों में इसमें बेहद बेहतरी आई और वहां किसानों की आत्महत्या का एक भी मामला नहीं आया. इन राज्यों में वेस्ट बंगाल,बिहार,उड़ीशा,उत्तराखंड, मिज़ोरम,गोवा।मणिपुर, त्रिपुरा, चंडीगढ़, लक्षदीप और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल थे.