अगर आप भी खेती बाड़ी करते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सही उर्वरक की पहचान कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर किसान उर्वरक की सही पहचान नहीं कर पाते हैं तो फसल को नुकसान हो सकता है.
खेती में उर्वरकों का इस्तेमाल फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिसमें डीएपी एक प्रमुख उर्वरक है. इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के बेहतर विकास में मदद करते हैं. नाइट्रोजन पत्तियों और तनों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है, जबकि फॉस्फोरस जड़ों के विकास, फूल आने और फल लगने में सहायक होता है. डीएपी का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो यह फसलों की उपज में काफी बढ़ोतरी कर सकता है.
यह भी पढ़ें: स्वीट कॉर्न की खेती से आप हर साल कमा सकते हैं लाखों, बस करना होगा ये काम
किसानों को आर्थिक नुकसान भी
हालांकि किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे डीएपी खरीदते समय सतर्क रहें, ताकि उन्हें नकली उर्वरकों का सामना न करना पड़े. नकली उर्वरक न केवल फसलों की गुणवत्ता को खराब करते हैं, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
किन बातों का रखें खास ध्यान
- डीएपी या कोई भी उर्वरक खरीदते समय हमेशा पक्की रसीद अवश्य लें.
- सुनिश्चित करें कि उर्वरक पंजीकृत दुकान से ही खरीदा जाए.
- पीओएस (POS) मशीन से उर्वरक खरीदते समय अंगूठा लगाकर रसीद प्राप्त करना न भूलें.
यह भी पढ़ें: पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त जल्द, जरूर कर लें ये काम
असली डीएपी की पहचान कैसे करें?
- डीएपी दानेदार होता है और इसके दाने सख्त होते हैं.
- इसका रंग भूरा, काला या बदामी होता है.
- इसे नाखून से आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता.
- डीएपी की पहचान के लिए कुछ दानों को हाथ में लेकर चूना मिलाकर मसलने पर तीक्ष्ण गंध आती है, जिसे सूंघना मुश्किल होता है.
- तवे पर धीमी आंच पर गर्म करने पर डीएपी के दाने फूल जाते हैं.
नकली उर्वरक से बचें और अपनी फसल को बचाएं
किसानों के लिए जरूरी है कि वे डीएपी खरीदते समय इन सावधानियों का पालन करें. नकली उर्वरक न केवल फसल की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को भी घटा सकते हैं. इसीलिए सतर्क रहें और हमेशा पंजीकृत दुकानों से ही उर्वरक खरीदें.
यह भी पढ़ें: सिर्फ ऑफिस में नहीं खेतों में भी दम दिखाएगा AI, ऐसे बढ़ाएगा ग्रोथ