Expensive Wheat: भारत में गेहूं की अच्छी खपत होती है. यहां लोगों की डाइट में भी गेहूं से बना कोई ना कोई व्यंजन शामिल होता है. बेकरी प्रोडक्ट्स में भी गेहूं का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. सेहत के  लिहाज से भी गेहूं का अहम रोल है, इसलिए आटा या गेहूं खरीदने से पहले लोग काफी जांच-पड़ताल करते हैं. कुछ लोग बाजार से आटा खरीदकर खाते है तो कुछ क्वालिटी देखकर गेहूं खरीदते हैं और फिर अलग से आटा पिसवाते हैं.इस बीच गेहूं की कीमतें भी मायनें रखती हैं. कई लोग बाजार में सस्ता गेहूं भी महंगा बताकर बेचते है और अपनी जेबें भरते हैं. गेहूं की कीमतों में इस हेराफेरी को समझना होगा, ताकि ठगी से बच सके. इसके अलावा, गेहूं की क्वालिटी भी काफी अहमियत रखती है. इस आर्टिकल में जानकारी देंगे कि सस्ता गेहूं और महंगे गेहूं में क्या अंतर होता है और कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं.


गेहूं की कीमतें
गेहूं की कई वैरायटी बाजार में मिलती है. कई मायनों में गेहूं की कीमतें बाजार में मांग-आपूर्ति, उपज की क्वालिटी, वैरायटी, उगाने के तरीके, पुराने उपज और नई उपज के हिसाब से भी निर्धारित की जाती है. 



  • एडवांस वैरायटी का गेहूं क्वालिटी और न्यूट्रिएंट्स में भी अच्छा होता है, इसलिए कीमतें भी ज्यादा होती है और कुछ देसी किस्मों और साधारण वैरायटी का गेहूं नॉर्मल दामों पर मिल जाता है. 

  • बाजार में कुछ विश्वसनीय कंपनियां भी है, जो गेहूं बेचती है. ऐसी ही किसी कंपनी का गेहूं खरीदना सही रहेगा, क्योंकि पैकेट पर आपको गेहूं  की वैरायटी, कीमत और तारीख तक की जानकारी मिल जाती है.


इन बातों का रखें खास ध्यान
अगर बाजार से गेहूं खरीदने जा रहे हैं तो दुकानदार से गेहूं का कुछ सैंपल मांग लें और देखें कि कहीं गंदगी या धूल-मिट्टी तो नहीं है. मिट्टी, कचरा, कंकड़, पत्थर या कैमिकल की कोटिंग है, तो गेहूं अच्छी क्वालिटी का नहीं है. इसे कतई ना खरीदें. 



  • कई लोग गेहूं को चमकाने के लिए रंग या कैमिकल की कोटिंग भी करते है. इसे पहचानने के लिए गेहूं का पानी में डालकर भी देख सकते हैं.

  • गेहूं खरीदने से पहले ध्यान रखें कि इसका आकार एक-समान होना चाहिए. यदि गेहूं के दाने छोटे-बड़े को ये अच्छी क्वालिटी का गेहूं नहीं है.

  • कई बार दुकानदार पुराना गेहूं भी थमा देते हैं. इस धोखाधड़ी से बचने के लिए पैकेट पर एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है.

  • अगर खुले गेहूं ले रहे हैं तो ध्यान से चेक कर लें कि गेहूं में घुन या कीड़े-मकोडे तो नहीं लगे. ऐसा है तो गेहूं पुराना या नकली हो सकता है.

  • गेहूं की खुशबू भी बहुत कुछ बयां कर देती है. सीलन की खुशबू वाला गेहूं नहीं खरीदना चाहिए.

  • कभी-भी टूटा हुआ ना खरीदें, ये बीमारी की असली जड़ होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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