Potato Harvesting: आलू एक प्रमुख नकदी फसल है. यूपी के किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं. इन दिनों आलू की फसल को पाले और कीट-रोगों से बचाने के लिए प्रबंधन कार्य चल रहे हैं. आलू के पौधों की रोपाई अक्टूबर में की जाती है. ज्यादा इलाकों में फसल मार्च तक पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. कई किसान बाजार भाव और आवश्यकता को देखते हुए 60 दिनों के अंदर आलू की खुदाई कर देते हैं. इस बीच कई किसानों को सवाल होता है कि आलू की फसल कब सही तरह से पककर तैयार हो जाती है, या आलू की खुदाई करने का सही समय क्या है, किस समय आलू को जमीन से बाहर निकालें कि ये लंबे समय तक चल जाए और बाजार में भी सही कीमत मिल जाए.


खुदाई से पहले जांच कर लें
आलू की फसल पूरी तरह से पककर तैयार हुई है भी या नहीं. इस बात का पता लगाने के लिए जमीन के अंदर से आलू का एक कंद निकालकर इसकी परिपक्वता की जांच कर लें.



  • आलू को जमीन से निकालने के बाद हाथ में लें और अंगूठे से फिसलाकर देखें. यदि छिलका अलग नहीं होता तो समझ जाएं कि आलू पक गया है.

  • यदि आलू का छिलका अलग हो जाए तो आलू की खुदाई ना करें, बल्कि इसके लत्तर काटने के 10 दिन के बाद हार्वेस्टिंग लेना फायदेमंद रहेगा.


लत्तर काट दें
आलू की खुदाई कब करें, ये काफी हद तक आलू की वैरायटी पर भी निर्भर करता है. आलू की कई किस्में जल्दी तैयार हो जाती है तो कुछ देर से पकने वाली किस्में होती है. आमतौर पर खेत में आलू की रोपाई के 70 दिन बाद खुदाई करने की सलाह दी जाती है.


इस दौरान पहले आलू का कंद जमीन से निकालकर चेक कर लें. यदि आलू पक जाए तो 10 दिन पहले ही लत्तर यानी पौधे को जमीन के पास से काटकर अलग कर दिया जाता है, जिससे आलू का छिलका सख्त और मोटा हो जाए.


आलू की डंठलों को काटकर अलग करने से भी फसल में बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. इससे आलू का साइज और संख्या बढ़ाने में भी खास मदद मिलती है. इस अवस्था में कंद की खुदाई करने के बाद आलू जल्दी सड़ता नहीं है, बल्कि लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है.  


कैसे करें हार्वेस्टिंग
आलू की हार्वेस्टिंग लेने के कई लोग पुटाई ट्रेक्टर तो कुछ आलू उखाड़ने वाली मशीन, खुरपी या पोटेटो डीगर का इस्तेमाल करते हैं. आलू की खुदाई सुबह के समय चालू करनी चाहिए, ताकि 12 बजे तक ये काम पूरा हो जाए.


आलू के जमीन से बाहर निकालने के बाद छायादार स्थान पर सुखाने की सलाह दी जाती है. इस तरह आलू की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, जबकि धूप में आलू सुखाने पर इसकी भंडारण क्षमता कम हो जाती है.


एक्सपर्ट्स की मानें तो 15 मार्च तक आलू की खुदाई का काम पूरा कर लेना चाहिए. इसके बाद आलू की छंटाई और ग्रेडिंग की जाती है और जूट के बोरों में बंद करके कोल्ड स्टोरेज में भेज दिया जाता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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