Tractor Tips: आज के आधुनिक दौर में खेती-किसानी भी नए जमाने की हो गई है. तकनीकों और मशीनीकरण से ज्यादातर काम आसान कम हो गए हैं. एक बार इनमें निवेश करके किसान सालोंसाल खेती में संसाधनों की बचत करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आज ज्यादातर कृषि कार्यों को पूरा करने में ट्रैक्टर का अहम रोल है. लगभग हर कृषि यंत्र ट्रैक्टर से जोडकर चलाया जाता है. इसने खेत की जुताई से लेकर पाटा लगाना, बुवाई, सिंचाई, छिड़काव, कटाई और उपज प्रबंधन को आसान बना दिया है, लेकिन तेल की बढ़ती कीमतों के बीच ट्रैक्टर को रोजाना खेत में उतारना मुमकिन नहीं हो पाता. कई बार ट्रैक्टर की मरम्मत में भी अच्छा खासा पैसा खर्च करना पड़ जाता है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों को ट्रैक्टर में डीजल की खपत तो कम करने के उपायों पर काम करना होगा.


ट्रेक्टर की सर्विसिंग करवाएं
कई बार लंबे समय तक ट्रैक्टर का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन समय पर इसी सर्विसिंग नहीं होती. लगातार चलने के बाद ट्रैक्टर के इंजन से धुआं भी निकलने लगता है, जो डीजल की बढ़ती खपत का संकेत हो सकता है. इस परेशानी की असल वजह है इंजेक्टर या इन्जेक्सन पम्प में खराबी, जिसे ठीक करवाने के लिए हर 2 महीने में ट्रैक्टर की जांच या सर्विसिंग करवाएं. इसके बावजूद ट्रैक्टर से धुआं निकलता है तो समझ जाएं तो इंजन पर ज्यादा बोझ डाला जा रहा है, इसलिए ट्रैक्टर की क्षमता के अनुसार ही वजन ढ़ोएं. इस तरह ट्रैक्टर को लंबे  समय तक सुचारु क्रियान्वयन में आसानी रहेगी.


क्या है ट्रैक्टर को चलाने का सही तरीका
यदि आप ट्रैक्टर में डीजल की खपत को कुछ हद तक कम करना चाहते हैं तो चौड़ाई के बजाए लंबाई में चलाएं. इस तरह ट्रैक्टर को खेतों के किनारे से घूमने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा और डीजल की खपत को भी कम किया जा सकता है. इसके अलावा, इंजन को भी आवश्यकतानुसार ही चक्करों में घुमाएं. इंजन को ज्यादा घुमाने से ना सिर्फ डीजल की खपत बढ़ती है, बल्कि टूट-फूट की संभावना भी बनी रहती है.


इंजन का ख्याल रखें
शरीर की नसें सीधा हृदय से जुड़ी होती है. ठीक उसी तरह ट्रैक्टर का इंजन ही इसकी असली जान है, इसलिए इंजन में समय-समय पर साफ-सफाई देखभाल करते रहें. कई बार खेतों में काम करते दौरान इंजन में धूल-मिट्टी जम जाती है. कई बार इंजन को चालू करने में कई तरह की आवाजें भी आने लगती हैं. ये ट्रैक्टर में हवा के कम बहाव का संकेत है, जिससे डीजल की खपत भी बढ़ सकती है.


मोबिल आयल बदल दें
कई किसान इंजन में एक साथ इकट्ठा मोबिल आयल डलवा लेते हैं, लेकिन ट्रैक्टर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता तो मोबिल आयल भी पुराना हो जाता है, जिससे डीजल भी अधिक लगता है. ऐसे में समय-समय रक ना सिर्फ मोबिल आयल, बल्कि फिल्टर्स को भी बदलते रहें. इसी प्रकार की कुछ सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो डीजल की खपत को कम किया जा सकता है.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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