Potato Farming: सर्दी हो या गर्मी, हर सीजन में अंडे से ज्यादा आलू का सेवन किया जाता है. ये एक सदाबहार सब्जी है, जो हर डिश के साथ खाई जा सकती है. भारत में ये लोगों की पसंदीदा सब्जी है, जिसकी हमेशा मांग रहती है. वैसे तो लोग आलू को साधारण ही समझते है, लेकिन इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स आपको हेल्दी रखने में बड़ा रोल अदा करते हैं. पूरी दुनिया में आलू की सैंकड़ों वैरायटी पाई जाती हैं.
भारत का देसी आलू भी उन्हीं भी शामिल है, जिसकी मांग अमेरिका, यूरोप जैसे बड़े-बड़े देशों में है, लेकिन आज हम आपको हकलबेरी गोल्ड पोटैटो के बारे में बताएंगे, जो 1200 से 1300 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिकता है, लेकिन इसके अनोखे रंग और फायदों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आलू की मांग बढ़ती जा रही है.
क्यों खास है ये आलू
हकलबेरी गोल्ड पोटैटो का आकर्षण इसके बैंगनी रंग से ज्यादा बढ़ता है. इसके अंदर पीले रंग का गूदा युकोन गोल्ड आलू जैसा ही है, जिसे पीला सोना भी कहते हैं. इस आलू में एंटी ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन युकोन गोल्ड के मुकाबले सुक्रोज और विटामिन सी मात्रा कुछ कम होती है.
साधारण आलू की तुलना में हकलबेरी आलू का वजन भी कुछ कम होता है. यह एक हाइब्रिड वैरायटी है, जिसमें अब लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
हकलबेरी गोल्डन आलू पर हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स तो कम होता ही है, साथ ही इसे खाने से स्टार्च वाले फूड प्रोडक्ट्स की तरह ब्लड शुगर नहीं बढ़ता, इसलिए हकलबेरी गोल्डन आलू को डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभकारी बताया जाता है.
इस आलू का स्वाद साधारण आलू की तरह नहीं होता, बल्कि कुछ मक्खन की तरह सॉफ्ट और शुगर फ्री होता है. तभी तो अब विदेश में लोग हकलबेरी गोल्डन आलू को चीनी के विकल्प के तौर पर ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर में फ्राई और रोस्ट करके खा रहे हैं.
क्या हैं इसके फायदे
भारत में खाए जाने वाले साधारण आलू में कई पोषक तत्व और मिनरल्स पाए जाते हैं. देसी आलू में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस आदि की भरपूर मात्रा होती है, लेकिन हकलबेरी आलू में सुक्रोज और विटामिन सी न्यूट्रिएंस कुछ कम और युकोन गोल्ड ज्यादा होता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये बैंगनी आलू के साथ-साथ बैंगनी बेरी और बैंगनी पत्ता गोभी में भी कुछ खास न्यूट्रिएंट्स होते हैं. इस वैरायटी में आर्टिफिशियल कलर नहीं है, बल्कि ये पूरी तरह से नेचुरल है, जिसके सेवन से डायबिटीज और कैंसर का खतरा कम होता है.
इसे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है.अमेरिका में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. आलू की हकलबेरी गोल्डन एक रोग प्रतिरोधी वैरायटी है. इसकी फसल में कई रोगों का खतरा नहीं रहता.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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