One District One Product Scheme: पारंपरिक फसलों में बढ़ते मुनाफे के बीच अब किसानों को फल, फूल, सब्जी और औषधियां उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इस काम में किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है. कृषि विशेषज्ञ बताते है कि हर इलाके की मिट्टी और जलवायु अलग होती है. किसी एक इलाके में एक चुनिंदा फसल का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए जिलों को इंगित करते हुए 'एक जिला एक उत्पाद' योजना भी चलाई है. इस स्कीम के तहत हर जिले को एक विशेष कृषि उत्पाद की खेती और प्रसंस्करण का जिम्मा सौंपा जाता है. छत्तीसगढ़ में भी 33 जिलों में से 28 जिलों के लिए अलग-अलग कृषि उत्पादों का चयन किया गया है, जिसके तहत अब रायपुर जिले में हाइब्रिड पपीता की खेती करने का प्लान है.
हाइब्रिड पपीता की खेती
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में लगभग 300 हेक्टेयर रकबे में हाईब्रिड पपीते की खेती करने की योजना है. इसके लिए उद्यानिकी विभाग की तैयारियां जोरों पर हैं. इस संबंध में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को हाइब्रिड पपीता की खेती के लिए किसानों के क्लस्टर और समूहों का चयन करने के निरेधस भी मिल चुके हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो रायपुर में हाइब्रिड पपीता उगाने के लिए किसानों को उन्न किस्म के पौधे, खाद, कीटनाशक, उर्वरक और सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि किसान चिंतामुक्त होकर खेती कर सकें.
छत्तीसगढ़ में एक जिला-एक उत्पाद
एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 33 जिलों को भी एक विशिष्ट उत्पाद के लिए चिन्हित किया गया है. यहां कृषि के साथ-साथ उपज के प्रसंस्करण का कार्य भी किया जा रहा है.
बालोद जिला- अदरक
बालोदाबाजार- चावल
बलरामपुर- मूंगफली
बेमेतरा- पपीता
भाटापार- चावल
बीजापुर- महुआ
दंतेवाड़ा- आम
धमतरी-चावल
दुर्ग- टमाटर
गरियाबंद- चिरौंजी
गौरेला पेंड्रा मरवाही-सीताफल
जगदलपुर- इमली
जंजागीर- चांपा
जशपुर- चाय
कबीरधाम- गुड़
कांकेर- सीताफल
कोंडागांव-काजू
कोरबा- महुआ
कोरिया- टमाटर
समासमुद- दूध
मुंगेली-टमाटर
नारायणपुर- हर्रा
रायगढ़- टमाटर
रायपुर- जेम-जेली
राजनांदगांव- चावल
सुकमा- कोदो-कुटकी
सूरजपुर- हल्दी
सरगुजा- लीची
क्या है एक जिला एक उत्पाद योजना
केंद्र सरकार ने देश के 700 जिलों में बेस्ट उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'एक जिला एक उत्पाद' योजना चलाई है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य, किसानों की मदद कर कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना, उनकी प्रोसेसिंग करके नुकसान कम करना, निगरानी और भंडारण की व्यवस्था, कृषि उत्पाद या प्रोसेस्ड फूड की मार्केटिंग के अलावा उत्पादों से जुड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को आर्थिक मदद देना है. इस योजना के तहत किसानों को क्लस्टर या समूह बनाकर किसी एक कृषि उत्पाद पर फोकस किया जाता है. साथ में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर किसानों की आय को दोगुना करने की कोशिश की जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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