Chikpea Farming: चने की ये किस्म सूखे में भी देती है बंपर प्रोडक्शन, खेती के लिए पानी की नहीं पड़ेगी ज्यादा जरूरत
Chickpea Production: ICAR-IARI ने काबुली चने की ‘पूसा जेजी 16’ किस्म विकसित की है, जो सूखा रोधी हैं. कम पानी में इस किस्म में बंपर उत्पादन ले सकते हैं. इन राज्यों में इससे अच्छा उत्पादन मिल जाता है.
Agri Production: देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद तेज हो गई है. केंद्र और राज्य सरकार से लेकर कृषि वैज्ञानिक भी अब दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. कई सब्सिडी योजनाएं चलाई जा रही हैं, साथ ही दालों की नई किस्में भी इजाद की जा रही है. इन किस्मों से कम कम खर्च में ही किसान बंपर पैदावार ले सकते हैं. आईसीएआर-आएआरआई ने भी काबुली चना की नई किस्म इजाद की है, जो सूखा और कम पानी वाले इलाकों में भी बढ़िया प्रोडक्शन दे रही है. जलवायु परिवर्तन के दौर में ऐसी किस्में ना सिर्फ किसानों की चिंता दूर करेंगी, बल्कि कम पानी और कम खर्च में ही किसानों की आमदनी बढ़ाएंगी.
काबुली चना की 'पूसा जेजी 16'
चना रबी सीजन की प्रमुख दलहनी फसल है, जिसकी खेती सर्दियों में बड़े पैमाने पर की जाती है. इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए आईसीएआर-आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने 'पूसा जेजी 16’ नामक काबुली चना की नई किस्म विकसित की है. ये किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिणी राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में उगाई जा सकती है. अच्छी बात ये है कि कम पानी वाले इलाकों या सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी इस किस्म से 1.3 टन/हेक्टेयर से 2 टन/हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मध्य भारत में चना का उत्पादन बढ़ाने के लिए पूसा जेजी-16 वैरायटी किसानों के लिए वरदान साबित होगी.
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— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) December 16, 2022
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सूखा में भी बंपर उत्पादन
एक्सपर्ट्स की मानें तो पूसी जेजी-16 किस्म की खेती करके मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र और गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में भी उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है. इन इलाकों में 50 से 100 फीसदी फसल नुकसान सिर्फ सूखा और सही सिंचाई ना मिलने की वजह से होता है. ऐसे में काबुली चना की पूसा जेजी-16 सूखा जैसी परिस्थितियों का सामने करते हुए अच्छा प्रोडक्शन देगी.
हार्वेस्टर मशीन से होगी चना की कटाई
कुछ दिन पहले ही कृषि वैज्ञानिकों ने चना की जवाहर चना-24 किस्म इजाद की, जिसके लंबे पौधों की कटाई हार्वेस्टर मशीन से भी कर सकते हैं. बड़े पैमाने पर चना उगाने वाले किसानों के लिए ये किस्म लाभकारी साबित होगी, क्योंकि आमतौर पर चना की कटाई-गहाई में काफी समय लग जाता है. वहीं जवाहर चना-24 पकने के बाद हार्वेस्टर मशीन से कटाई करके समय और श्रम दोनों बचा सकते हैं. इससे फसल की बर्बादी को भी कम किया जा सकेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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