एक ही खेत में करें इन फसलों की खेती होगा बंपर मुनाफा, यहां है आसान तरीका
Intercropping: आजकल भारत में इंटरक्रॉपिंग अच्छे पैमाने पर की जा रही है. यह समय गाने की बुआई का है. और गन्ने की बुआई के साथ दूसरी फसल की भी बुआई की जा सकती है. चलिए जानते हैं.
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Intercropping: एक समय था जब किसानों परंपरागत खेती ही किया करते थे. लेकिन अब किसानों का ध्यान गैर पारंपरिक खेती की ओर भी काफी बढ़ा है. अन्य तरह की फसलों की और भी काफी रुझान दिख रहे हैं. अब किसान खेतों में एक फसल नहीं बल्कि एक साथ दो फसलें और अन्य फसलें उगा रहे हैं. इससे भी किसानों को काफी फायदा हो रहा है.
एक साथ दो फसलों को उगाने को इंटरक्रॉपिंग कहा जाता है. और आजकल भारत में इंटरक्रॉपिंग अच्छे पैमाने पर की जा रही है. यह समय गन्ने की बुआई का है. और गन्ने की बुआई के साथ दूसरी फसल की भी बुआई की जा सकती है. चलिए जानते हैं गन्ने के साथ किसकी बुवाई करने से मिलेगा बंपर लाभ.
गन्ने के साथ करें सरसों की बुआई
अप्रैल-मई गन्ने की फसल बुवाई का समय होता है. इस दौरान ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुआई की जाती है. लेकिन ग्रीष्मकालीन गन्ने के साथ सरसों की खेती नहीं की जाती. इसके लिए शरद कालीन बुआई का इंतजार करना पड़ता है. शरद कालीन गन्ने की बुआई अक्टूबर के महीने से शुरू की जा सकती है.
गन्ने के साथ सरसों की फसल उगाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. बुआई के दौरान प्रति हेक्टेयर 75 किलोग्राम नाइट्रोजन, 110 किलोग्राम फॉस्फोरस, 50 किलोग्राम पोटैशियम, 30 किलोग्राम ग्रेन्यूलर सल्फर और 8 किलोग्राम फेरस सल्फेट का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
सरसों से भी होगा डबल फायदा
शरद ऋतु में गन्ने की खेती करते समय, प्रत्येक लाइन के बीच 3 से 4 फुट की दूरी बनाए रखनी चाहिए. इन लाइनों के बीच जो खाली स्थान बचा होता है. उसमें सरसों की बुआई की जाती है. इस इंटरक्राॅपिंग पद्धति को अपनाकर किसान एक हेक्टेयर में 1400 क्विंटल से लेकर 1800 क्विंटल तक गन्ना और 15 क्विंटल से 20 क्विंटल तक सरसों की उपज हासिल कर सकते हैं. जिससे उनकी कमाई में शानदार तेजी देखने को मिल सकती है.
शरदकालीन गन्ना होता है अच्छा
ग्रीष्मकालीन बुआई फरवरी से मार्च तक की जाती है. तो बसंत कालीन बुआई अप्रेल से मई तक की जाती है. वहीं शरदकालीन बुआई अक्टूबर -नवम्बर में की जाती है. बुवाई के बाद गन्ने की फसल तैयार होने में 10-14 महीनों का समय लेती है.
बता दें कि बसंत कालीन और ग्रीष्मकालीन समय के दौरान की गई गन्ने की फसल की बुआई शरदकालीन बुआई से कम पैदावार देती है. शरदकालीन गन्ने की पैदावार बसंत कालीन से 25-30 प्रतिशत तो वहीं ग्रीष्मकालीन गन्ने से 30-40 प्रतिशत ज्यादा होती है.
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