गर्मियों का मौसम किसी को भी नहीं पसंद है. चिलचिलाती धूप, धूल भरी आंधियां और ढेर सारा पसीना हमें परेशान कर देता है. हालांकि, इन सब परेशानियों के बीच एक चीज है जिसकी वजह से हम भीषड़ गर्मी के बीच भी खुश हो जाते हैं और वो है आम. गर्मी में आम खाने का जो मजा है वो किसी भी चीज में नहीं है. आम को ऐसे ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है, इसे खा कर जो आनंद आता है उसे आप शब्दों में बयां नहीं कर सकते. ऐसे तो आम की कई किस्में होती हैं और तरह तरह के लोगों को तरह तरह की किस्मों के आम पसंद हैं, लेकिन आज हम जिस आम की बात कर रहे हैं, वो पूरी दुनिया में सिर्फ एक जगह होता है और इसका स्वाद ऐसा है कि ये सभी आमों को पीछे छोड़ देता. तो चलिए आज आपको स्पेशल 'अब्दुल्ला ग्रेट' आम के बारे में बताते हैं.


कैसा होता है अब्दुल्ला ग्रेट आम?


अब्दुल्ला ग्रेट आम की पहली खेप निकली उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद से. यहां एक अब्दुल्लाह नर्सरी है और इसी नर्सरी से निकला है अब्दुल्ला ग्रेट आम. इस नर्सरी में एक पेड़ है जो लगभग 120 साल पुराना है. इस पेड़ की सबसे खास बात ये है कि इस पर 300 किस्म के आम लगते हैं और इन्हीं में से एक है अब्दुल्ला ग्रेट आम. हालांकि, अब इसके अलग से भी पेड़ लगने लगे हैं. आपको बता दें ये आम स्वाद और पल्प से भरा होता है. इसमें गुठली नाम मात्र की होती है.


इस आम के नाम के पीछे की कहानी क्या है?


अब्दुल्ला ग्रेट आम का नाम मैंगो मैन के नाम से मशहूर मलिहाबाद के कलीमुल्लाह खान के पिता जी के नाम पर रखा गया है. मीडिया से बात करते हुए कलीमुल्लाह बताते हैं कि इस आम की नस्ल उनके पिता जी द्वारा विकसित की गई थी, यही वजह है कि उन्होंने इस आम का नाम अब्दुल्ला ग्रेट आम रख दिया. इस आम को लेकर एक बात यह भी लोकप्रिय है कि जब 1990 में एक बार पूरे भारत में आम की प्रदर्शनी लगी थी तो इसमें अब्दुल्ला ग्रेट आम को पहला इनाम मिला था.


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