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Chemical Fertilizer छोड़िए.....ये समुद्री शैवाल बढ़ाएगा फसल की पैदावार, सिर्फ 1 लीटर की बोतल से मिलेंगे दमदार फायदे
Seaweed: भारत के दक्षिणी-पूर्वी तटों पर समुद्र उगने वाले लाल-भूरे रंग के शैवाल भी फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में असरदार है. इफको ने इस समुद्री शैवाल से एक बायो फर्टिलाइजर भी बनाया है.
![Chemical Fertilizer छोड़िए.....ये समुद्री शैवाल बढ़ाएगा फसल की पैदावार, सिर्फ 1 लीटर की बोतल से मिलेंगे दमदार फायदे IFFCO Sagarika Bio Fertilizer made from seaweed improves crop quality and productivity Chemical Fertilizer छोड़िए.....ये समुद्री शैवाल बढ़ाएगा फसल की पैदावार, सिर्फ 1 लीटर की बोतल से मिलेंगे दमदार फायदे](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/09/cc176c08f6f16a63fd9d74301725f0611673264682946455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bio Fertilizer: खेती-किसानी को पहले से ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए हमारी सरकार और वैज्ञानिक लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे है. कृषि में आधुनिकी तकनीकों और मशीनों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इन्हें अपनाने के लिए किसानों को ज्यादा खर्च ना करना पड़े, इसलिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. इन सभी प्रसायों का एक ही उद्देश्य है, फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार लाना. पर्यावरण का ख्याल रखते हुए फसल की उत्पादकता बढ़ाने में जैविक खाद और उर्वरक टिकाऊ साधन साबित हो रहे हैं. जैविक खाद बनाना तो बेहद आसान हैं.
किसान अपनी आवश्यकतानुसार गांव में ही जैविक खाद बना लेते हैं, लेकिन मिट्टी की सेहत और फसल के सही विकास के लिए कुछ पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है, जो उर्वरकों से पूरी होती है. अब समस्या यह भी है कि कैमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
यही वजह है कि जैव उर्वरकों को अपनाने की सलाह दी जाती है, जिसका सोर्स पौधे और समुद्री शैवाल भी होते हैं. जी हां, देश में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को लॉन्च करने वाली कंपनी इफको ने समुद्री शैवाल से एक कमाल का बायो फर्टिलाइजर (Bio Fertilizer) बनाया है, जो फसल की क्वालिटी और उत्पादन को बेहतर बनाने में कारगर साबित हो रहा है.
कैसे बनता है इफको का 'सागरिका'
भारत के दक्षिण-पूर्वी तटों से सटे समुद्र में उगने वाले लाल-भूरे रंग के शैवालों से इफको ने 'सागरिका' प्रोडक्ट बनाया है, जिससे पौधों के विकास और फसल की पैदावार को बढ़ाने में खास मदद मिलती है. इफको वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इफको के सागरिका प्रोडक्ट में 28% समुद्री शैवाल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक हार्मोन और विटामिन जैसे अनेक न्यूट्रिएंट मौजूद हैं.
आपकी फसल को दे समुद्री शैवाल की देखभाल, इफको सागरिका के साथ। यह फसल का उचित विकास कर उत्पादन बढ़ाता है। इफको सागरिका खरीदने के लिए https://t.co/9M6U9Gjuer पर जाएँ।#IFFCO #Sagarika #Farmers #Fertilizers #Agriculture #Farming pic.twitter.com/wAAT18RELg
— IFFCO (@IFFCO_PR) January 8, 2023
क्या है 'सागरिका' के फायदे
इफको की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, समुद्री शैवाल से बने सागरिका का मेन फोकस फसल की गुणवत्ता में सुधार करना है. इससे फल और फूल का आकार बढ़ाने, विपरीत परिस्थितियों में फसल को बचाने, मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को कायम रखने और पौधों के विकास के लिए आंतरिक क्रियाओं को बढ़ाने का काम किया जाताा है. इसे अनाज, दलहन, तिलहन, फल, फूल और सब्जियों की फसल पर आवश्यकतानुसार छिड़काव कर सकते हैं.
ऑर्गेनिक खेती में फायदेमंद
कई किसान सालों से कैमिकल खेती कर रहे हैं, जो एक साथ ऑर्गेनिक खेती की तरफ आने से हिचकिचाते हैं. फसल का उत्पादन घटने की चिंता लगी रहती है. ऐसे में इफको सागरिका आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. यह एक कैमिकल रहित फर्टिलाइजर या न्यूट्रिएंट प्रोडक्ट है, जो बिना फसल को नुकसान पहुंचाए पैदावार बढ़ाने में मददगार है.
किसी भी फसल पर इफको सागरिका को दो बार छिड़क सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें को 30 दिन के अंतराल पर सागरिका का छिड़काव करने पर अच्छे रिजल्ट सामने आते हैं. यह 500 से 600 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिकती है. किसान एक लीटर सागरिका को पानी में घोलकर एक एकड़ फसल पर छिड़क सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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