Agriculture News: धान या फिर चावल, भारत में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज है. धान की खेती पूरी दुनिया में की जाती है. इसकी खेती करने वाले किसान और इससे जुड़े लोग हर साल लोगों की थाली को चावल से सजाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. धान की खेती हो या कोई अनाज, उसकी खेती ठीक उसी तरह की जाती है जिस तरह से किसी बच्चे का पालन पोषण किया जाता है. अगर धान की फसल पर ध्यान ना दिया जाए तो इसकी फसल खराब हो सकती है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखकर धान की खेती को सफलतापूर्वक कर सकते हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
भारत में धान की खेती भारत में धान यानी चावल की फसल को खरीफ सीजन की एक बेहद महत्वपूर्ण के रूप में जाना जाता है. पोषण के नजरिये से चावल की फसल महत्वपूर्ण है ही, साथ ही दुनियाभर में इसकी खपत भी अच्छी मात्रा में की जा रही है. भारत की बात करें तो खरीफ सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और झारखंड में बड़े पैमाने पर चावल की खेती की जाती है. इन राज्यों में किसानों को 15 मई से लेकर 15 जून तक के बीच चावल की नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए. इसके अलावा और भी बातें हैं जो आपको धान की खेती के लिए जरूरी हैं.
जरूरी है बीज का शोधन
किसान भाइयों को सिंचाई के साधन अच्छे से रखने चाहिए. क्योंकि चावल की खेती में पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. इसके अलावा धान की खेती और बुवाई रोपाई के जरिए होती है, ऐसे में जितनी जल्दी धान की रोपाई होगी, उतनी जल्दी फसल तैयार होकर पक जाएगी और आपको मुनाफा भी जल्दी मिल पाएगा. धान की खेती से पहले बीज का शोधन करना भी बेहद जरूरी है, बीज शोधन से धान की खेती में मुनाफे की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. तो वहीं कीटों के खतरे से बचने के लिए क्लोरो साइपर या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव भी बेहद जरूरी है. धान की खेती में अगर क्यारियां बनाई जाए तो इससे फसल में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. किसान को अपने क्षेत्र के हिसाब से धान की फसल और बीज का चुनाव करना चाहिए, जिससे नुकसान की गुंजाइश न के बराबर हो.
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