Saffron Farming is Good Earning Source for Farmer: आधुनिकता के दौर में भी युवा नौकरी को छोड़कर कृषि स्टार्ट अप (Agriculture Start Up) में रुचि दिखा रहे हैं. इसे युवाओं का पैशन समझिये या फिर पैसा कमाने का जोश, जो उन्हें वापस मिट्टी की तरफ खींच रहा है. ये युवा गांव में नये आइडिया (New Farming Ideas) और तकनीक के साथ खेती कर रहे हैं और गांव के दूसरे लोगों को रोजगार (Employment) के अवसर प्रदान कर रहे हैं. इससे आमदनी तो अच्छी होती है, साथ ही शहर की भागदौड़ से दूर यहां सुकून भी मिलता है. अगर आप भी सुकून के साथ-साथ गांव के विकास Rural Development) में हिस्सेदार बनकर खेती करना चाहते हैं केसर की खेती (Saffron Farming) से कम समय में लाखों कमा सकते हैं. 




केसर की खेती
केसर एक फूलदार पौधा का हिस्सा होता है, जिसे दुनिया का सबसे महंगा मसाला भी कहते हैं. इसका इस्तेमाल दवाओं, स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ कॉस्मेटिक्स बनाने में भी किया जाता है. 



  • केसर की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है, लेकिन मध्यम और गर्म जलवायु में अच्छी क्वालिटी का उत्पादन मिलता है.

  • ज्यादा बारिश और ठंड से केसर की क्वालिटी को खराब हो जाती है.

  • आमतौर पर केसर की खेती ऊंचे पहाड़ी इलाकों में की जाती है, जिससे फसल में पानी का भराव न हो पाये.

  • रेतीली, बलुई और दोमट मिट्टी में इसकी अच्छी क्वालिटी की फसल उगा सकते हैं.

  • इसकी खेती के लिये जून-जुलाई के अलावा अगस्त-सितंबर का महीना बेहतर रहता है, जिसके बाद अक्टूबर में इसके फूल आने लगते हैं.

  • भारत में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मौदानी इलाकों में केसर की खेती की जा रही है.

  • पहाड़ी इलाकों में जुलाई-अगस्त के बीच इसकी बिजाई की जाती है.

  • मैदानी इलाकों में फरवरी से मार्च का समय केसर की रोपाई के लिये बेहतर रहता है.

  • इसकी खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिये फसल को खास देखभाल की जरूरत होती  हैं.

  • वहीं इसकी कटाई भी सुबह जल्दी उठकर करनी होती है, क्योंकि धूप निकलने पर केसर के फूल मुर्झाने लगते हैं.




मैदानी इलाकों में केसर की रोपाई
दूसरी फसलों की तरह नर्सरी में पौधे तैयार करक केसर की रोपाई की जाती है.  इसकी रोपाई के लिये सबसे पहले खेत तैयार करने होते हैं. 



  • सबसे पहले गहरी जुताईयां लगाकर खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिये.

  • आखिरी जुताई से पहले खेत में 20 टन गोबर की खाद, 90 किग्रा नाइट्रोजन और 60 किग्रा फास्फोरस और 60 किग्रा पोटाश का मिश्रण बनाकर खेत में डालें.

  • मिट्टी में पोषण प्रबंधन के बाद पाटा चलाकर समतलीकरण का काम करें.

  • अब खेत में इसके पौधों को 10-15 सेमी की गहराई में लगायें.

  • रोपाई के समय लाइन से लाइन की दूरी 2-3 सेमी. और पौध से पौध की दूरी 15-20 सेमी. रखनी चाहिये.


लागत और आमदनी
विशेषज्ञों की मानें तो केसर की खेती को 25,000 रुपये की शुरुआती लागत से शुरु सकते हैं. इसमें एक एकड़ खेत के लिये 10,000 रुपये में बीज और 15,000 रुपये में खाद-उर्वरक (Organic Fertilizer) समेत सिंचाई व्यवस्था(Irrigation System) हो जाती है. वहीं आमदनी की बात करें तो 1 एकड़ खेत से 10 किग्रा केसर का उत्पादन मिलता है, जो कम से कम 3 लाख रुपये में बिक जाता है. हालांकि केसर की कीमत बाजार मांग के हिसाब से घटती-बढ़ती रहती है, लेकिन दुनिया का सबसे महंगा मसाला(Expensive Spice) होने के कारण आमदनी के मामले में किसानों को निराश नहीं होना पड़ता.


 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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