Soil Test: आखिर क्यों जरूरी है मिट्टी की जांच, सैंपल लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
Farm Soil Test: मिट्टी का सैंपल लेते समय सावधानियां बरतनी चाहिये, क्योंकि इसी सैंपल के आधार पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है और किसान भी इसी जानकारी के हिसाब से खेती करते हैं.
Process for Soil Sample Collection: खेती-किसानी में बढ़ते जोखिम और मौसम की अनिश्चितताओं (Climate Change) के बीच खाद्यान्न से जुड़ी मांगों (Agriculture Export) को पूरा करना बड़ा चुनौतीपूर्ण काम हो गया है. देश के साथ-साथ दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिये किसान तो दिन-रात मेहनत करते ही है, लेकिन इस बीच मिट्टी की उर्वरता (Soil Health) कमजोर बढ़ जाती है.
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिये अंधाधुंध उर्वरकों (Fertilizer Usage) का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उत्पादन और मिट्टी की क्वालिटी (Quality of Soil) पर बुरा असर पड़ता है. इससे जमीन में पानी का स्तर (Ground Water Level) भी गिर जाता है. इन सभी समस्याओं के संयुक्त समाधान के लिये मिट्टी की जांच (Farm Soil Test)करवाने की सलाह दी जाती है.
क्यों करवायें मिट्टी की जांच
मिट्टी की जांच करवाने से मिट्टी के गुण-दोष, सही फसल, संतुलित खाद-उर्वरकों का प्रयोग, सिंचाई की मात्रा के साथ-साथ मिट्टी की जरूरतों की जानकारी मिल जाती है. इसी जानकारी के आधार पर खेत में फसलों के बेहतर उत्पादन के लिये खाद-उर्वरकों का संतुलित प्रयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी की सेहत भी कायम रहती है और सीमित संसाधनों में फसलों का बेहतर उत्पादन मिलने लगता है.
बता दें कि फसलों के सही विकास के लिये मिट्टी में 17 प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं. मिट्टी की जांच के आधार पर इनकी कमी पता करके जरूरत के मुताबिक आपूर्ति कर सकते हैं.
इस तरह लें मिट्टी का सैंपल
किसी भी फसल की बुवाई या रोपाई से पहले मिट्टी का सैंपल इकट्ठा करने की सलाह दी जाती है. इसके लिये एक ही खेत के 10 अलग-अलग हिस्सों से मिट्टी के नमूने लिये जाते हैं.
- मिट्टी का सैंपल लेने से पहले 8 से 10 जगहों पर निशान बनायें और उस जगह की साफ-सफाई करके घास-फूट हटा दें.
- अब निशान वाली जगहों पर सतह से आधा फुट गहरा गड्ढा खोदें और खुरपी की मदद से सभी जगहों से मिट्टी का सैंपल निकाल लें.
- मिट्टी के सभी नमूनों को बाल्टी या टब में डालकर ठीक प्रकार से मिला लें और इसमें से 500 ग्राम मिट्टी को निकलकर साफ पॉलीबैग में भर लें.
- अब सफेद कागज पर किसान का नाम, पिता का नाम, गांव, तहसील व जिले का नाम खेत का खसरा नम्बर और भूमि की सिंचित अवस्था की जानकारी लिखकर पॉलीबैग में डाल दें.
बरतें ये सावधानी
मिट्टी का सैंपल लेते समय सावधानियां बरतनी चाहिये, क्योंकि इसी सैंपल के आधार पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है और किसान भी कार्ड में लिखी जानकारी के हिसाब से खेती करते हैं.
- ऊंची-नीची जमीन को छोड़कर हमेशा समतल जमीन से ही नमूना उठाना चाहिये.
- खेतों की मेढ़, पानी की नाली, पेड़ों की जड़, खड़ी फसल और कंपोस्ट की यूनिट के आस-पास से नमूना ना उठायें.
- मिट्टी का नमूना लेकर सीधा बाल्टी या कंटेनर में डालें और इन्हें मिलाकर पॉलीबैग में ही भरें.
- यदि खेत में खाद-उर्वरक डाले गये हों, तब भी मिट्टी का सैंपल नहीं लेना चाहिये.
यहां भेजें नमूना
खेतों से मिट्टी का नमूना (Soil Sample From Farm Field) इकट्ठा करके मृदा जांच प्रयोगशाला (Soil Test Lab) में जमा करवायें, जहां मिट्टी जांच मुफ्त (Free Soil Test) में की जाती है और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) भी मुहैया करवाये जाते हैं. किसान चाहें तो गांव के स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक या नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में भी मिट्टी का सैंपल जमा करवाके खेती से संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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