Stubble Burning: बारिश ने घटा दिए पराली के मामले, जानिए इस वजह से अब भी दम घोंट सकता है smog
बारिश होने से पहले किसानों ने पराली जलानी शुरू कर दी थी लेकिन पिछले 4 दिन से हुई तेज बारिश के कारण पराली जलाने के मामले कम दर्ज हुए हैं.
Stubble Management: अधिकांश धान कट कर मंडियों में जा चुका है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत अन्य स्टेट में किसान अभी भी धान को बेचने के लिए मंडी जा रहे हैं. धान का कटा हुआ अवशेष यानि पराली खेतों में पड़ी हुई है. बारिश होने से पहले किसानों ने पराली जलानी शुरू कर दी थी लेकिन पिछले 4 दिन से हुई तेज बारिश के कारण पराली जलाने के मामले कम दर्ज हुए हैं. आंकड़े देख कर अधिकारी खुश हैं. लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि हालात उतने संतोषजनक नहीं है.
इन राज्यों में घट गए पराली के मामले
पंजाब में अब तक 767 पराली जलाने के सामने आए हैं. जबकि 2020 में इन मामलों की संख्या 2957 थी. और 2021 में यह केस 828 रहे. इसी तरह हरियाणा में इस साल 83 केस मिले हैं. वर्ष 2021 में यह 247 और 2020 में 411 रहे. उत्तर प्रदेश में अभी तक सिर्फ 80 केस सामने आए हैं, जबकि 2020 में 214, 2021 में यह 178 रहे. राजस्थान में अभी तक 10 केस सामने आए हैं. इतने ही केस 2021 में आए थे. 2020 में पराली जलाने के 146 मामले मिले.
तेजी से बढ़ सकती हैं पराली जलाने की घटनाएं
एक्सपर्ट बताते हैं कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में हजारों बीघा खेतों में फसल का अवशेष पड़ा हुआ है. पिछले 4 दिनों से बारिश हो रही है इसी कारण किसान खेतों में पराली नहीं जला पा रहे हैं. इस बात से उतना खुश होने की जरूरत नहीं है. एक्सपर्ट का कहना है कि जैसे ही मौसम साफ होगा. किसान खेतों की ओर निकलेगा तो वहां पड़ी पराली देखकर वह उसे नष्ट करने की कोशिश करेगा. पराली नष्ट करने के लिए कुछ तरीके हैं. जैसे दवा का घोल छिड़ककर पराली को खेत में ही गलाया जा सकता है. जबकि दूसरे विकल्प के रूप में अधिकतर किसान खेतों में ही खड़ी पराली को जला देते हैं. अगर किसानों ने दूसरा ऑप्शन अपनाया तो हालत चिंताजनक हो सकते हैं. आने वाले समय में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली का दम एक बार फिर से स्मॉग घोंट सकता है.
सेंट्रल गवर्मेंट सेटेलाईट से देख रही कंडीशन
स्टेट से लेकर सेंट्रल तक पराली जलाना और उसका मैनेजमेंट एक बड़ा मुद्दा रहा है. Punjab, Haryana, Delhi और Uttar Pradesh में पराली जलाने की काफी घटनाएं सामने आती हैं. इसका पहले पता नहीं चल पाता था. अब सेंट्रल गवर्नमेंट इन राज्यों में सेटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं का पता लगा लेती है. अगर किसी स्टेट में कोई किसान पराली जलाता हुआ मिलता है तो पॉल्यूशन एक्ट के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
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