Sugar Season 2021-22: पिछले कुछ वर्षों में भारत का कृषि क्षेत्र काफी मजबूत बनकर उभरा है. देश में कृषि उत्पादन के साथ-साथ इसके निर्यात को भी बढ़ावा मिला है. इसी कड़ी में अब भारत ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. चीनी सीजन 2021-22 (Sugar Season 2022) के आंकड़े बताते हैं कि इस साल देश के किसानों ने 5,000 लाख मीट्रिक टन से भी गन्ना (Sugarcane in India) और चीनी मिलों ने 359 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन (Sugar Production in India) किया है. इस बीच इथेनॉल तैयार करने के लिए भी करीब 35 लाख मीट्रिक टन चीनी का प्रयोग हुआ है.


इसके अलावा देश से करीब 109.8 लाख मीट्रिक टन चीनी को दूसरे देशों में निर्यात (Sugar Export) किया गया है, जो अभी का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी मिलों और डिस्टिलरीज ने इथेनॉल की बिक्री से भी लगभग 18,000 करोड़ रुपये अर्जित किये हैं. इन्हीं रुझानों के साथ साल 2021-22 के दौरान भारत चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता, उत्पादक और निर्यातक बनकर उभरा है. 


चीनी उद्योग ने कायम किया रिकॉर्ड
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े और पीआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सीजन 2021-22 में चीनी मिल के मालिकों की तरफ से गन्ने की बकाया पेमेंट का 95% भुगतान भी जारी कर दिया है और अभी तक करीब 99.9% से अधिक गन्ना बकाया भुगतान चुकता हो चुकता हो चुका है. ये सभी आंकड़े चीनी सीजन 2021-22 में गन्ना उत्पादन से लेकर चीनी उत्पादन, चीनी निर्यात, गन्ना खरीद, गन्ना बकाया भुगतान और इथेनॉल उत्पादन और आमदनी के आधार पर बनाये गये हैं. 






चीनी का रिकॉर्ड निर्यात
वर्तमान सीजन में जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 109.8 लाख मीट्रिक टन तक चीनी का निर्यात भी हुई है. भारत में चीनी उद्योगों की तरक्की के पीछे सरकार की नीतियां और अंतरराष्ट्रीय कीमतों ने भी अहम भूमिका अदा की है. यही कारण है कि चीनी के विदेशी निर्यात (Indian Sugar Export) से भारत ने करीब 40,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की है.


इथेनॉल के विकास से मिली सहायता
अब भारत सरकार चीनी मिलों को इथेनॉल निर्माण (Ethanol Production in India) के लिए चीनी के प्रयोग और अधिशेष चीनी का निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इससे किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान (Sugarcane Payment) जारी किया जा सकेगा. साथ ही इससे चीनी मिलों और विनिर्माण गतिवधियों की आर्थिक स्थिति को कायम रखने में खास मदद मिलेगी.


पिछले 5 सालों के आंकड़े बताते है कि जैव ईंधन के तौर पर इथेनॉल (Ethanol Biofuel) का विकास करने पर भी चीनी उद्योगों (Sugar Industries) को काफी मदद मिली है और इससे चीनी मिलों (Sugar Mills) आर्थिक स्थिति भी मजबूती हुई है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Honey Farming: अब पॉलीहाउस में सब्जियों के साथ करें शहद की खेती, उपज की क्वालिटी के साथ दोगुना होगा मुनाफा


Floriculture: इस दिवाली पर महंगी पड़ सकती है फूलों की खुशबू, यहां जानें कारण