Organic Farming: ये है भारत का 'कैमिकल फ्री' गांव, विदेशों में निर्यात होता है यहां का अनाज
Chemical Free Village: कैमिकल के दुष्प्रभावों को देखते हुए गांव के सभी किसानों ने साथ मिलकर जैविक खेती करने का फैसला लिया. आज इन गांव के सभी किसान कैमिकल फ्री होने के साथ-साथ कर्जमुक्त भी हैं.
Organic Village: आजकल खान-पान और हमारे इस्तेमाल की सभी चीजों में रसायन होते ही है, जो कहीं ना कहीं हमारे शरीर को बहुत ज्यादा बीमार बना रहे हैं. गांव के मुकाबले शहरों में ये समस्या कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है. यही कारण है कि अब भारत में जैविक खेती (Organic Farming) का रकबा बढ़ाया जा रहा है, जिससे लोगों के खान-पान से कैमिकलों को दूर किया जा सके.
भारत में ऐसे कई किसान है, जो रसायन मुक्त जैविक खेती और गाय आधारित प्राकृतिक खेती (Natural Farming) कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एक गांव आज पूरी तरह कैमिकल मुक्त (Chemical Free Village) हो चुका है. यहां ना तो खेती रसायनों का इस्तेमाल होता है और ना ही रोजमर्रा के कामों में. यहां पर हर काम पर्यावरण को ध्यान में रखकर ही किया जाता है. तेलंगाना स्थिति इस कैमिकल फ्री गांव इनभावी में घुंसते ही पत्थर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कैमिकल फ्री गांव. इसे तेलंगाना का पहला जैविक गांव (Organic Farming) भी कहते हैं.
तेलंगाना का पहला जैविक गांव
आज के समय में ज्यादातर बीमारियां रसायनों के कारण ही फैल रही हैं. ये किसने सोचा होगा कि एक दिन रसायनों का इस्तेमाल इतना बढ़ जायेगा कि जमीन तक पैदावार देना बंद देगी, लेकिन हैदराबाद से 85 किमी दूर स्थित इनभवी गांव (Enabavi Village, Telangana) के लोगों को 13 साल पहले ही जैसे भविष्य दिख गया था. बता दें कि तेलंगाना के इनभवी गांव में करीब 52 परिवार रहते हैं, जिन्होंने मिलकर जैविक खेती करने का फैसला किया. ऐसी खेती जो पूरी तरह प्रकृतिक के अनुरूप हो और कीटनाशक-रसायनों का कोई इस्तेमाल ना हो.
इससे पहले गांव में फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिये रसायनिक उर्वरकों से लेकर कीटनाशकों का भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता था. बेशक इससे कमाई तो अच्छी होती थी, लेकिन धीरे-धीरे बिना रसायन के फसलों से उत्पादन बंद हो गया. अब कीटनाशक और उर्वरकों का इस्तेमाल करने पर ही फसलों का उत्पादन मिलने लगा. ऐसे में पूर्वजों की कहावत ने ही शायद इस गांव को बचा लिया, जिसमें बड़े-बूढे कहते थे कि ये धीमा जहर ही एक दिन सभी को मार देगा.
जैविक खेती के लिये एक जुट है पूरा गांव
कैमिकल के दुष्प्रभावों को देखते हुये गांव के सभी किसानों ने साथ मिलकर जैविक खेती करने और इस समस्या से निपटने का फैसला लिया. शुरूआत में जैविक खेती के लिये 15 हजार का लोन भी लिया, जो बढ़ते उत्पादन और सफलता के बाद चुका दिया गया. इस तरह आज इनभवी गांव के सभी किसान कैमिकल फ्री होने के साथ-साथ कर्जमुक्त भी हैं. खेती-किसानी के साथ-साथ जीवन को आसान बनाने के लिये यहां सभी किसानों के घर में एक ट्रेक्टर और एक साइकिल है.
इनभवी गांव के लोग बताते हैं कि कैमिकलों के इस्तेमाल के कारण 3 से 5 साल के अंदर ही उत्पादन गिर गया और जमीनें लगभग बंजर होने लगी. वहीं आज कैमिकल फ्री जैविक खेती (Chemical Free Farming) अपनाने के बाद यहां के गांव में चावल, धान, कपास, मिर्च, तिलहन के साथ-साथ दूसरे फलों की बागवानी हो रही है, गांव वालों का कहना है कि आज के समय में गांव रिकॉर्ड उत्पादन दे रहा है.
विदेशों तक जा रहा है अनाज
आज इनभवी गांव की सफलता को देखकर दूसरे गांव और किसान भी प्रेरणा ले रहे हैं. तेलंगाना के कई किसानों आज कैमिकलों को छोड़कर पूरी तरह जैविक खेती (Organic farming) शुरू कर दी है. यही कारण है कि आज इनभवी (Enbavi Village) और इसके जैसे कई गांव के कृषि उत्पादों को हैदराबाद से देशभर की मंडियों में और सिंगापुर तक बेचा जा रहा है. इससे गांव वालों का आमदनी बढ़ी ही है, साथ ही यहां के किसानों के साथ-साथ जैविक कृषि उत्पाद (Organic Products) का सेवन करने वाले लोगों की सेहत भी दुरुस्त रहती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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