Agriculture Export: भारत का कृषि क्षेत्र काफी मजबूर बनकर उभर रहा है. यहां उगाए जा रहे फल, सब्जी, अनाज से देश-विदेश की खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है. ताजा आंकड़ों से पता चला है कि पिछले 8 महीने में भारत का कृषि निर्यात 16 फीसदी बढ़ गया है. अप्रैल से नंवबर के बीच हुए कृषि और खाद्य पदार्थों के निर्यात से देश को 17.43 अरब डॉलर की आमदनी हुई है. अच्छी बात यह है कि देश ने सालाना कृषि निर्यात का कुल 74 फीसदी 8 महीने के अंदर ही निर्यात कर दिया था. सरकार की ओर जारी आंकड़ों से पता चला है कि कृषि के साथ-साथ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात में अच्छी ग्रोथ हुई है.


अप्रैल-नवंबर 2022 के बीच प्रोसेस्ड फूड का एक्सपोर्ट 32.60% तक बढ़ गया है. यह एक्सपोर्ट 1,310 मिलियन डॉलर का है. वहीं पिछले साल में हुए निर्यात के आंकड़ों के तुलना करें तो अप्रैल-अक्टूबर 2022 में काफी तेजी देखी गई है.


16 फीसदी बढ़ा एपीड़ा का एक्सपोर्ट
डायेक्टरेट जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) ने आंकड़े जारी करके बताया है कि एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी APEDA की ओर से विदेश में किए गए कृषि उत्पादों के निर्यात में 16 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.


पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक कृषि निर्यात का आंकड़ा 15.07 अरब डॉलर तक ही सीमित था, लेकिन अप्रैल से नवंबर 2022 में यह 17.43 अरब डॉलर से पार होता नजर आ रहा है. जानकारी के लिए एपीड़ा ही विदेश में कृषि उत्पादों के निर्यात का काम देखती है. यह वाणिज्य मंत्रालय के तहत आती है.


ताजा फलों की बढ़ी डिमांड
डीडीसीआईसी की ओर से जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि पिछले साल के मुकाबले अप्रैल-नवंबर 2022 में ताजा फलों का निर्यात 4 गुना बढ़ गया है. यहा के प्रोसेस्ड फल और सब्जियों की डिमांड भी दूसरे देशों में बढ़ गई है.


पिछले साल के डाटा पर नजर डालें तो अप्रैल से नवंबर 2021 में देश से 954 मिलियन डॉलर के ताजा फल-सब्जियों का निर्यात हुआ था, जबकि साल 2022 में  अप्रैल-नवंबर के बीच 991 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है.


आकंड़ों से पता चला है कि  प्रसंस्कृत फल-सब्जियों का निर्यात 32.60 फीसदी ग्रोथ पर है. इनका निर्यात भी बढ़कर 1310 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले साल 988 मिलियन डॉलर था. 


दाल-अनाज के एक्सपोर्ट में ग्रोथ
देश से हो रहे कृषि निर्यात में एक बड़ा हिस्सा अनाज और दालों का भी है. इस पर डीडीसीआईसी के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले साल के मुकाबले 2022 के शुरुआती 8 महीनों में दानों का निर्यात 90.49 फीसदी तक बढ़ गया है.


इससे पता चलता है कि देश में कई दालों  के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल कर रहा है. साल 2021 में अप्रैल-नवंबर के बीच दालों का निर्यात 206 मिलियन डॉलर था, जो पिछले 8 महीने में  90.49 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 392 मिलियन डॉलर पहुंच गया है.


बासमती चावल की भी बढ़ी मांग
भारतीय बासमती चावल की आज पूरी दुनिया में डिमांड है. ये मांग साल दर साल बढ़ रही है. इसी का सबूत है कि अप्रैल-नवंबर 2022 के बीच बासमती चावल का निर्यात भी 39.26 फीसदी बढ़ गया है. यह पिछले साल की इस अवधि में 2063 मिलियन डॉलर था, जो इस साल 2873 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.


वहीं गैर-बासमती का निर्यात भी अप्रैल-नवंबर 2022 में 5% की ग्रोथ के साथ 4109 मिलियन डॉलर हो गया है. ये आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि में 3930 मिलियन डॉलर तक ही सीमित था.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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