भारत से पाकिस्तान में निर्यात होने वाली फसलों की मात्रा और मूल्य में उतार-चढ़ाव होता रहता है.  भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार के व्यापार के रास्ते बंद कर दिए थे, बाद में जरूरी चीजों का लेनदेन शुरू हुआ. फसलों और सब्जियों के अलावा जरूरी सामान का लेनदेन भारत और पाकिस्तान के बीच में आज भी चल रहा है. पाकिस्तान की 25 करोड़ से अधिक जनसंख्या आज भी कुछ चीजों के लिए भारत पर ही निर्भर है. बेहद खराब द्विपक्षीय संबंधों के बावजूद जरूरी फसलों का व्यापार भारत और पाकिस्तान के बीच में हो रहा है.गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 26 सितंबर 2023 को अमृतसर में हुई बैठक के बाद से यह व्यापार के रास्ते खुल सके.


अनाज का मोहताज पाकिस्तान आज भी कपास, टमाटर, प्याज और तिलहन जैसी फसलें भारत से ही लेता है. इसके साथ-साथ कच्ची चीनी भी पाकिस्तान भारत से ही ले रहा है. इनके अलावा चाय पत्ती, कॉफी और मसाले भी भारत की ओर से पाकिस्तान में भेजे जाते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार ताजे फल, जैसे आम, केला, अमरूद, संतरा, अंगूर, सेब, नाशपाती आदि पाकिस्तान भारत से लेता है.  भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों में सुधार के लिए इन फसलों के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है. इससे दोनों देशों के किसानों और व्यापारियों को लाभ होगा.


कितना हुआ था व्यापार


बता दें कि धारा 370 हटाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद हुआ था जो कि बाद में दोबारा शुरू हो गया. अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 1.35 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में भारत के साथ व्यापार मार्ग खोलने की मांग जोर पकड़ रही है. प्राकृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण सब्जियों और फलों की कीमतों में जोरदार उछाल आया है और देशभर में हजारों एकड़ में फसल नष्ट हो गई है.




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