Millet Diet Benefits: भारत के प्रस्ताव और संयुक्त राष्ट्र के समर्थन पर आज पूरी दुनिया साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तौर पर मना रही है. इसका प्रमुख उद्देश्य है मोटा अनाज की उपयोगिता को बढ़ावा देना. इस लक्ष्य के साथ देशभर में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. लोगों को मोटा अनाज के फायदों से रूबरू करवाया जा रहा है. मोटा अनाज यानी श्री अन्न से बने हेल्दी फूड प्रोडक्ट्स और स्नैक्स लोगों के बीच उतारे जा रहे हैं, ताकि इन्हें आसानी से डाइट में जोड़ा जा सके. सरकार भी अपने-अपने स्तर पर मोटा अनाज को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है इंडियन आर्मी के जवानों का नया डाइट प्लान.


बुधवार को इंडियन आर्मी ने अपना आधिकारिक बयान जारी करके बताया कि अब आर्मी अपने जवानों के डाइट प्लान (Indian Army Ration) में मिलेट शामिल करने जा रही है. गेहूं के आटे से बदले जाने के लगभग आधी सदी बाद अब ज्वार, बाजरा और रागी से इंडियन आर्मी के जवानों की सेहत दुरुस्त हो पाएगी.


इस मिलेट डाइट प्लान को मुख्यतौर पर चीन से लगी सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना जवानों के लिए लाया जा रहा है. इसमें मिलेट से बने स्नैक्स और फूड प्रोडक्ट्स भी शामिल होंगे.


एक सदी बाद मिलेट की आर्मी राशन में वापसी


द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने ताजा बयान में इंडियन आर्मी ने बताया कि 1966 तक भारतीय सेना के डाइट प्लान में मिलेट शामिल थे, लेकिन गेहूं के आटे की उपलब्धता स्थिर होने के बाद मिलेट को हटा दिया गया.


सेना के बयान के अनुसार, साल 2023-24 से सैनिकों के लिए राशन में अनाज (चावल और गेहूं का आटा) की अधिकृत पात्रता के 25% से अधिक नहीं होने पर बाजरे के आटे की खरीद के लिए सरकार से मंजूरी मांगी गई है.


द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी इंडियन आर्मी को जवानों को प्रति दिन डाइट में 650 ग्राम चावल या आटा दिया जा रहा है, जबकि नए डाइट प्लान में 650 ग्राम डेली राशन का 25% बाजरा, रागी और ज्वार भी जोड़ा जा सकता है.


आर्मी कैंटीन में भी मिलेगा मिलेट


सेना की सीएसडी (Canteen Stores Department) कैंटीनों के साथ-साथ छावनियों के भीतर शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में मिलेट से जुड़े फूड प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए जाएंगे. हाल ही में फोर्स ने आर्मी कार्यक्रमों, बड़ाखानों और घर में खाना पकाने में बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले मिलेट के लिए एक एडवायजरी भी जारी की है.


सेना का कहना है कि मिलेट से स्वादिष्ट और हेल्दी व्यंजन तैयार करने के लिए शेफ्स से ट्रेनिंग भी ली जा रही है. सैनिकों की पोषण सुरक्षा के लिए मिलेट अपने आप में प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्व और फाइटो कैमिकल्स का अच्छा सोर्स है.


दुरुस्त रहेगी जवानों की सेहत


आर्मी के आधिकारिक बयान के मुताबिक, हमारी भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल पारंपरिक मिलेट सैनिकों की स्वास्थ्य और मनोबल बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. मिलेट के गुणों से डेली लाइफस्टाइल की बीमारियों से निजात पाने में खास मदद मिलेगी.


जल्द मिलेट सभी रैंक की डेली डाइट का हिस्सा बन जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि चावल और गेहूं  की तरह मिलेट की सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की एक टीम व्यवस्थित ढंग से काम कर रही है. इसमें मिलेट के आटे को नरम बनाए रखने के उपाय भी सुझाए जा रहे हैं.


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