Banana Production in India: भारत में बागवानी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है. भारत अब दुनिया के कुल उत्पादन की 13 प्रतिशत सब्जी और 10 प्रतिशत फलों का प्रॉडक्शन ले रहा है. इसी के साथ यहां उगने वाली ऑर्गेनिक सब्जियां और फल अब देश-विदेश में भी निर्यात की जा रही हैं. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (National Horticulture Board) के मुताबिक, पिछले 9 वर्षों में केला का निर्यात बढ़कर 541 प्रतिशत पर पहुंच गया है. ये केला उत्पादन किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है. केला का स्वस्थ्य और बेहतर उत्पादन हासिल करने के लिए टिशू कल्चर तकनीक(Tissue Culture Technique), वैज्ञानिक और जैविक विधि से केला की खेती पर जोर दिया जा रहा है. किसान भी अब पारंपरिक फसलों के बजाय केला की उन्नत किस्मों की तरफ बढ़ रहे है. 


बढ़ा केला का निर्यात
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के मुताबिक, पिछले 9 साल में भारत से केला का निर्यात 541 फीसदी तक बढ़ गया है. इसी के साथ अब देश केला के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यात के तौर पर उभर रहा है. आंकड़ों की मानें तो साल 2013 में अप्रैल से लेकर जुलाई तक 51 करोड़ का केला निर्यात हुआ था. पिछले 9 साल में केला के उत्पादन की उन्नत तकनीकों, नीतियों और किसानों को आर्थिक योजनाओं का लाभ दिया गया. इसी का नतीजा है कि आज 9 साल बाद केला का निर्यात 541 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ बढ़ रहा है. इस मामले में अप्रैल से जुलाई 2022 के आंकड़े बताते हैं कि भारत ने करीब 327 करोड़ का केला निर्यात किया है.






8 राज्यों ने अदा किया अहम रोल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया के कुल केला उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 25 फीसदी है. केला के उत्पादन और निर्यात में 8 राज्य अहम रोल अदा कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से भारत का 70 प्रतिशत केला प्रॉडक्शन मिल रहा है. इस काम में किसानों के साथ-साथ निर्यातकों को भी खूब मदद मिल रही है. इसके लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद और निर्यात और विकास प्राधिकरण (APEDA) ने भी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, क्वालिटी डेवलपमेंट और मार्केट डेवलपमेंट में सहायक की भूमिका अदा की है.


निर्यात के साथ बढ़ी कीमत
भारत अब केला का एक बड़ा उत्पादक और निर्यातक बनकर उभरा है. किसानों के लिए अच्छी खबर ये है कि सिर्फ केला का निर्यात की मात्रा ही नहीं, कीमतों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 



  • साल 2018-19 के आंकड़े बताते हैं कि इस साल 413 करोड़ रुपये का 1.34 लाख मीट्रिक टन केला विदेशों को निर्यात हुआ.

  • वहीं, साल 2019-20 में केला का निर्यात बढ़कर 1.95 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया. इस साल कीमत में भी 660 करोड़ रुपये की ग्रोथ दर्ज हुई.

  • 2020-21 में भी 619 करोड़ रुपये मूल्य के 1.91 लाख टन मूल्य के केले का निर्यात हुआ.


जीआई टैग केला की बढ़ी मांग
भारत के जीआई टैग कृषि उत्पाद विदेशों में खूब पसंद किये जाते हैं. इनका स्वाद, खुशबूऔर बनावट विदेशियों को खूब लुभा रही है. इसी बीच महाराष्ट्र का जलगांव केला भी खूब लोकप्रिय हो रहा है. बता दें कि जलगांव केला को साल 2016 में जीआई टैग मिला था. इसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए उन्नत कृषि तकनीक अपनाई जा रही हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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