Fruit Export: भारत का कृषि क्षेत्र लगातार तरक्की कर रहा है. बेशक सफलता की राह में कई चुनौतियां भी हैं, लेकिन इसके बावजूद अनाजों से लेकर फल-सब्जी की सप्लाई बढ़ती जा रही है.अब विदेशी लोगों को भारतीय खेतों में उगे तरबूज, खरबूज और पपीता खूब ही पसंद आ रहे हैं. ताजा आंकड़ों की मानें तो इन तीन फलों का निर्यात 3 गुना बढ़कर 63 करोड़ पर पहुंच गया है. साल 2013-14 तक इन तीन फलों का निर्यात सिर्फ 21 करोड़ रुपये तक की सीमित था, लेकिन साल 2021-22 तक इस इसमें 3 गुना ग्रोथ दर्ज हुई है.


इन देशों में हुआ निर्यात


कनेक्ट टू इंडिया वेबसाइट के मुताबिक, करीब 3 देशों ने भारत से पपीता, खरबूज और तरबूज का बड़ी मात्रा में आयात किया है. इन देशों में अफगानिस्तान, थाईलैंड और चिली शामिल हैं. सबसे ज्यादा फलों का आयात अफगानिस्तान में हो रहा है. पिछले 8 सालों में इन तीन फलों के कुल निर्यात का 94.71 प्रतिशत आयात अफगानिस्तान ने किया है. वहीं थाईलैंड ने 5.25 प्रतिशत और चिली में खरबूज, तरबूज और पपीता की लगातार मांग बढ़ गई है. साल 2014 से 2018 के दौरान इन फलों के निर्यात में 57.89% की ग्रोथ हुई, जिसके बाद अच्छी मात्रा में इन ताजा फलों का सप्लाई किया जाने लगा है. 






बढ़ा फल-सब्जियों का निर्यात


खाद्य एवं कृषि संगठन के 2020 में जारी आंकड़ों के आधार पर कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) का एक आकलन बताता है कि कई फल-सब्जियों के उत्पादन और निर्यात में भारत पहले नंबर पर है. यहां कुल वैश्विक उत्पादन का 26.29 फीसदी केला, 43.26 फीसदी पपीता और 45.14 फीसदी आम की पैदावार मिल रही है. बता करें निर्यात की तो साल 2021-22 में भारत ने कुल 11 हजार 412.50 करोड़ रुपये के फल-सब्जियों का निर्यात किया. इसमें 5 हजार 593 करोड़ रुपये फलों से और 5 हजार 745.54 करोड़ रुपये की सब्जियां थी. 


इन देशों में बढ़ी फल-सब्जी की डिमांड


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से बड़े पैमाने पर फल और सब्जियों का आयात करने वाले देशों की लिस्ट में सबसे आगे संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, नीदरलैंड्स, मलेशिया, श्रीलंका, ब्रिटेन, ओमान और कतर हैं. इसके अलावा अमेरिका, यूएई, चीन, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन और सऊदी अरब में भारत के प्रसंस्कृत फल और सब्जियां की मांग ज्यादा है. कई देशों के विश्लेषण से पता चला है कि नीदरलैंड्स और ब्रिटेन को छोड़कर तमाम पड़ोसी और मित्र देशों ने भारत से फल-सब्जी के आयात में दिलचस्पी दिखाई.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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