One Nation One Fertilizer Scheme: खेती-किसानी में खाद और उर्वरक (Manure & Fertilizer)  की अहम भूमिका होती है. चाहे मिट्टी की उर्वरता बढ़ानी हो या फिर फसलों की उत्पादकता, इन सभी कामों के लिये अलग-अलग पोषक तत्व, उर्वरक और खाद का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन खाद-उर्वरकों की बढ़ती कीमत, काला बाजारी और धांधली चिंता का विषय बनी हुई है.


किसानों को इन्हीं सभी चिंताओं को दूर करते हुये केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक उर्वरक' योजना (One Nation One Fertilizer Scheme) शुरू की है. इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को खाद-उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाये जायेंगे. योजना के नियमों के मुताबिक, अब अलग-अलग कंपनियों को खाद-उर्वरक भारत (Bharat Manure & Fertilizer) नाम की ब्रांडिग से बेचने होंगे यानी देश के किसान को खाद-उर्वरक भारत नाम से ही मुहैया करवाये जायेंगे.


क्या है एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना 
'एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना' को 'प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना' के तहत लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके को सिर्फ भारत नाम से ही बेचा जा सकेगा. इस काम के लिये केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय ने सभी फर्टिलाइजर कारखानों, स्टेट ट्रेडिंग कंपनियों और फर्टिलाइजर की विपणन कंपनियों को निर्देश जारी कर दिये हैं.


अभी तक भारत सरकार की तरफ से खाद-उर्वरकों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाती है, लेकिन एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना के तहत किसानों को भारत की ब्रांडिंग देखकर सब्सिडी वाले खाद-उर्वरकों की खरीददारी में आसानी रहेगी.


2 अक्टूबर तक होगा बदलाव
'एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना' के तहत रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से 24 अगस्त को निर्देश जारी किये थे, जिसके बाद 2 अक्टूबर तक इन बदलावों के निर्देश दिये गये हैं.



  • नये बदलावों के मुताबिक, उर्वरकों की नई बोरी पर एक साइड के दो तिहाई हिस्से पर भारत ब्रांड (Bharat Fertilizer) के साथ-साथ प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना की छपाई मिलेगी. 

  • खाद-उर्वरक उत्पादक कंपनियां बोरी के शेष स्थान पर अपनी कंपनी का नाम, लोगो, पता और अन्य वैधानिक जानकारी सहित निर्माता के बारे में सूचना छाप सकती हैं.

  • इसके अलावा, सरकार ने उर्वरकों की पुरानी बोरियों की खपत के लिये 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया है, ताकि पुराने उर्वरक की बोरियों पर निर्मात कंपनियों को नुकसान ना हो. 

  • सरकारी निर्देशों के मुकाबिक 19 दिसंबर के बाद पुरानी पैकिंग में खाद-उर्वरकों की खरीद-बिक्री नहीं हो पायेगी.


किसानों को मिलेंगे बेमिसाल फायदे
खाद-उर्वरक की बोरियों पर नये डिजाइन की छपाई के बाद उन उत्पादों की काला-बाजारी और धांधली पर रोक लगेगी. यदि कोई उर्वरकों की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी या चोरी करता है तो उसके लिये दंड का प्रावधन भी है.



  • सरकार के इस कदम से किसानों को खाद-उर्वरकों की खरीद पर सब्सिडी (Subsidy on Fertilizer)  लेने में आसानी होगी.

  • चोरी और काला बाजारी के कारण खाद-उर्वरकों की खरीद (Purchase of Fertilizer) में आने वाली समस्याओं और किल्लत का सामना किसानों को नहीं करना पडेगा.

  • सभी कंपनियों के खाद-उर्वरक एक ही दाम (Price of Fertilizer) पर बेचे जायेंगे, जिससे किसानों को इनकी खरीद में आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े.


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