Shri Anna Yojana: क्या आप जानते हैं 'श्री अन्न'का सबसे बड़ा उत्पादक है भारत, निर्यात के मामले में इन देशों को छोड़ा पीछे
Millets Cultivation: देश में मोटे अनाजों की खेती के साथ-साथ मिलेट स्टार्ट अप को प्रमोट किया जा रहा है. नए केंद्रीय बजट में मिलेट की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए श्री अन्न योजना की भी घोषणा की है.
Millets Production: पूरी दुनिया साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तौर पर मना रही है. संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने ही इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 करा प्रस्ताव दिया था, जिस पर 72 देशों ने अपना समर्थन दिया. अब पूरी को पोषक अनाज/मोटा अनाज/कदन्न/श्री अन्न का महत्व समझाते का समय आ गया है. ये वही अनाज है, जिसने हमारे बड़े-बुजुर्गों को आरोग्य का वरदान दिया. मोटे अनाजों को हर तरह की जलवायु परिस्थितियों में उगाया जा रहा है. अन-उपजाऊ जमीन पर भी मोटा अनाज उगाकर बढ़िया उत्पादन ले सकते हैं. बाजार में मोटे आनाजों के भाव काफी अच्छे हैं. इनके नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियों का खतरा भी दूर रहता है. अच्छी बात यह है कि इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती, इसलिए किसानों को बढ़िया मुनाफा हो जाता है.
भारत में मोटे अनााजों का चलन काफी समय से है. हम पोषक अनाजों के सबसे बड़े उत्पादक तो हैं ही, हमारे यहां से मिलेट का निर्यात भी बड़े पैमाने पर होता है. देश में मोटे अनाजों की खेती के साथ-साथ मिलेट स्टार्ट अप को प्रमोट किया जा रहा है. नए केंद्रीय बजट में मिलेट की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए कई बड़े ऐलान भी हुए हैं. सरकार ने श्री अन्न योजना संचालित करने का प्लान बनाया है.
हम मिलेट उत्पादन में कहां हैं?
फूड एवं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के डेटा से पता चला है कि साल 2020 के दौरान पूरी दुनिया से करीब 30.464 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन मिला है, जिसमें भारत की भागीदारी 12.49 मीट्रिक टन की है यानी हम 41 फीसदी मोटा अनाज उगा रहे हैं, जबकि भारत का सरकारी आंकड़ा बता रहा है कि देश से कुल 170 लाख मिलेट प्रोडक्शन हो रहा है, जो एशिया 80 फीसदी और पूरी दुनिया का 20 फीसदी है. राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मोटा अनाज उगाया जाता है.
भारत श्रीअन्न का सबसे बड़ा उत्पादक व दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।श्रीअन्न के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान हैदराबाद को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।#Budget2023 pic.twitter.com/DCWAHN0vJV
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) February 1, 2023
मोटे अनाजों का निर्यात
पूरी दुनिया में मोटा अनाज से सबसे ज्यादा रकबा अफ्रीका में कवर होता है, लेकिन उत्पादन सबसे ज्यादा भारत देता है. निर्यात की बात करें तो अफ्रीका सबसे बड़ा मिलेट निर्यातक है, जबकि भारत निर्यात के मामले में दूसरे पायदान पर है. यहां से यूएई, नेपाल, सऊदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, ब्रिटेन और अमेरिका में ज्वार, बाजरा, रागी, कनेरा और कुटू का निर्यात हो रहा है. दुनियाभर केप्रमुक उत्पादकों की लिस्ट में नाइजर, चीन, नाइजीरिया, माली, सुडान, इथोपिया, बर्किना फासो, सेनेगल, चाड, पाकिस्तान, तंजानिया, नेपाल, रूस, यूक्रेन, युगांडा, म्यांमार, घाना और गिनी भी शामिल हैं.
कौन से है प्रमुख मिलेट
मोटा अनाज/पोषक अनाज, कदन्न या श्री अन्न की श्रेणी में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कोदो, कुटकी, सांवा, चीना, झंगोरा, कुट्टू, चौलाई और ब्राउन टॉप का नाम शामिल है,
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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