Vaccine for Lumpy Skin Disease: पशुओं पर मंडरा रहे भीषण संकट के बीच भारतीय वैज्ञानिकों ने लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) के समाधान के रूप में पहली स्वदेशी वैक्सीन (First Indian Vaccine for Lumpy Animal Disease) विकसित कर ली है. यह वैक्सीन भारत के दो बड़े संस्थान राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (हरियाणा) और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) के वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयासों का ही नतीजा है, जिससे जल्द ही 6 राज्यों के पशुधन को इस महामारी से राहत मिलेगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही इस वैक्सीन को व्यावसायिक तौर पर बाजारों में उपलब्ध करवाया जायेगा.
कृषि मंत्री ने लॉन्च की पहली स्वदेशी वैक्सीन
लंपी त्वचा रोग महामारी के खिलाफ सुरक्षा कवच इस वैक्सीन का नाम लंपी प्रो-वैक-इंड है, जिसे केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला द्वारा लॉन्च किया गया है. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि मानव संसाधनों के साख पशुधन भी हमारे देश की बड़ी ताकत है, इसलिये इनकी रक्षा करना भी हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही वैक्सीन का प्रॉडक्टशन बढ़ाकर जमीनी स्तर पर 20 करोड़ से ज्यादा पशुओं को टीका लगाकर सुरक्षा कवच प्रदान किया जायेगा.
पशुपालन मंत्री ने वैज्ञानिकों की मेहनत को सराहा
लंपी प्रो-वैक-इंड वैक्सीन को लॉन्च करते हुये केंद्रीय पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) ने कहा कि 2019 में उड़ीसा में लंपी त्वचा रोग के कहर के बाद ही वैज्ञानिक इससे जुड़े समाधानों को खोने में जुट गये थे. जल्द से जल्द इस वैक्सीन को पशुपालकों और किसानों तक पहुंचाया जायेगा, ताकि पशुधन को सही समय पर सुरक्षा प्रदान की जा सके.
पशुओं का सुरक्षा कवच है लंपी वैक्सीन
जाहिर है कि अभी तक लंपी बीमारी ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के पशुधन को नुकसान पहुंचाया है, जिसके अग्रिम समाधान के रूप में दुधारु पशु जैसे गाय और भैंसों को गौट पॉक्स के टीके लगाये जा रहे थे, जो काफी हद तक इस कहर को नियंत्रित कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के तत्वाधान में लॉन्च की गई लंपी प्रो-वैक-इंड वैक्सीन की मदद से लंपी रोग से पूरी तरह निजात पा सकते हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो ये वैक्सीन बेहद कम समय में सभी मानकों पर खरी उतरकर शत-प्रतिशत कारगर साबित हुई है.
लंपी प्रो-वैक-इंड वैक्सीन की कीमत
जल्द ही लंपी प्रो-वैक-इंड वैक्सीन को देश के हर पशुधन तक पहुंचाया जायेगा. इस मामले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक बी.एन. त्रिपाठी ने बताया कि ये दोनों संस्थान मिलकर 2.5 लाख प्रति माह के हिसाब से वैक्सीन उत्पादन कर सकते हैं. इसकी प्रति डोज की कीमत 1 से 2 रुपये निर्धारित की गई है, जो एक साल तक पशुओं को सुरक्षा कवच प्रदान करेगी.
क्या है लंपी बीमारी
लंपी त्वचा रोग को पशुधन में लगने वाली एक घातक संक्रामक बीमारी (Lumpy is infectious disease in animals )का नाम दिया गया है, जो मच्छर, मक्खी और जूं जैसे परजीवियों के जरिये एक पशु से दूसरे पशु तक फैल रही है. जैसे ही ये परजीवी गाय या भैंस को काटते हैं तो ये संक्रमण खून के जरिये दुधारु पशुओं में फैल जाता है, जिस कारण पीड़ित पशुओं के शरीर में गांठ पड़ जाती है. तेज बुखार, भूख ना लगना, नाक से खून निकलना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं, जिसके कारण हजारों पशु दम तोड़ते जा रहे हैं. पशुओं में यह बीमारी दूषित पानी, लार और चारे के जरिये भी फैल रही है.
लंपी त्वचा रोग की शुरुआत अफ्रीका के जाम्बिया (Lumpy Disease Belongs to Zambia, Africa) से हुई थी, जिसके बाद साल 2019 में उड़ीसा (Lumpy in Odisha) के कई पशुओं में इसके लक्षण देखे गये थे.
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