Bajau Community: धरती पर होते हुए भी कुछ लोगों को जमीन नसीब नहीं होती. कुछ लोग 24 घंटे समंदर में रहते हैं. वहीं खाते-पीते, सारा काम करते हैं. किसी देश ने नागरिकता नहीं दी तो इन लोगों ने समंदर को ही अपना घर बना लिया और वहीं रहते हैं. आज हम ऐसे किसानों की बात कर रहे हैं जो हल नहीं चलाते, लेकिन समंदर के अंदर खेती करना बखूबी जानते हैं. इंडोनेशिया के समुद्र में रहने वाली बजाउ कम्यूनिटी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चाओं में है.


चर्चा का विषय है 24 घंटे पानी में रहना. जी हां, ये समुदाय 200 फीट की गहराई में 5 से 13 मिनट तक सांस रोककर पानी के अंदर रह सकते हैं. अपने गुजर बसर के लिए समुद्री खान-पान यानी सी फूड्स पर ही निर्भर हैं. इन लोगों को समंदर के बंजारे भी कहते हैं. इन लोगों को पास कोई नागरिकता नहीं है, लेकिन इनका मूल स्थान फिलीपींस के आसपास के इलाकों का समुद्र ही है. जानिए इनके बारे में विस्तार से इस वीडियो में.


फिलीपींस ने लगाया बैन


बजाउ समुदाय आज भी समंदर के ऊपर ही रहती है. ये कोई मजबूरी नहीं, बल्कि इसके पीछे की वजह बड़ी खास है. दरअसल फिलीपींस के समुद्री दायरे में आने के बावजूद देश ने इस समुदाय पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, इसलिए ये लोग  मलेशिया और इंडोनेशिया के तटों बांस के सहारे बने तंबुओं मे ही रहते हैं. इस समुदाय के ज्यादातर लोग नाव में ही अपना जीवन बिता देते हैं.






यहां बच्चों को पढ़ने-लिखने नहीं भेजा जाता, बल्कि पानी में मछली पकड़ना, सी-फूड इकट्ठ करना और पानी में रहना और यही गोते लगाना सिखाते हैं. बेहद छोटी उम्र के बच्चों की ट्रेनिंग चालू हो जाती हैं. जब बच्चे एक्सपर्ट हो जाते हैं तो पानी में उतरकर शिकार करते हैं. इस बीच आंखे खुली रखनी पड़ती है. किसी छोटी डॉल्फिन की तरह ये बच्चे अपना पूरा दिन पानी के अंदर बाहर गोते लगाने में निकाल देते हैं.


इस तरह करते हैं खेती


समुद्र में मछली पकड़ना, सी-फूड का इंतजाम करना ही बजाउ समुदाय के लिए खेती करना है. घंटों पानी के अंदर रहकर ये लोग भाले की मदद से मछलियां पकड़ते हैं. ये लोग समंदर की गोद में सिर्फ खाना ढूंढने नहीं जाते, बल्कि वहां से कुछ ऐसा सामान भी ले आते हैं, जो आर्ट एंड क्राफ्ट बनाने में इस्तेमाल होता है. एक रिसर्च के मुताबिक, धरती पर रहने वाले लोगों की तुलना में बजाउ समुदाय के लोगों में 50% ज्यादा इम्यूनिटी होती है, जिसके पीछे प्लीहा (spleen) है, जो रेड ब्लड सेल्स को रिसाइकल करता है.


ये अंग हम सभी के शरीर में होता है. इसके बिना लोग जिंदा रह सकते हैं, लेकिन इम्यूनिटी मजबूत करने में इसका अहम रोल होता है. बेशक इस अंग से समंदर के बंजारों ने अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर ली है, लेकिन जीवन का जोखिम भी रोजाना का ही है. बजाउ समुदाय के अलावा ओरांग लाउट और मोकेन जनजातीय समूह के लोगों को भी यही हाल है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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