Samekit Murgi Vikas Yojana: प्रोटीन की बढ़ती खपत के बीच अंडा उत्पादन, पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस करना फायदे का सौदा साबित हो रहा है. बिहार में मुर्गी पालन को लेकर किसान और ग्रामीणों का रुझान बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार भी अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में शामिल है समेकित मुर्गी विकास योजना, जिसके तहत पोल्ट्री फार्मिंग करने के लिए 45 चूजे उपलब्ध करवाये जाते हैं. बिहार सरकार ने इस योजना के तहत राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया नीचे विस्तार से बताई गई है.
समेकित मुर्गी विकास योजना
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत साल 2022-23 के लिए बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने कुल 468.959 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया है. इस योजना के तहत बिहार जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बीच प्रति परिवार low-Input variety coloured Chicks उपलब्ध करवाये जाते हैं.
इन चूजों की कुल संख्या 45 है, जिनकी उम्र 28 दिन होती है. इन चूजों की सही देखभाल करके पाल-पोसकर भविष्य में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. शुरुआत में इन चूजों की देखभाल के लिए पोल्ट्री फार्म लगा सकते हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत अनुदान मिल जाएगा. बस इसके बाद अच्छी आजीविका चला सकते हैं.
इन बातों का रखें खास ध्यान
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत पोल्ट्री फार्मिंग के लिए 45 चूजों पर अनुदान के लिए आवश्यक है कि उनके रखरखाव के लिए बैकयार्ड में अच्छी-खुली जगह हो, जिससे मुर्गियों के प्रबंधन और अंडा उत्पादन में आसानी रहे. इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन जीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन या विलेज ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से किया जाएगा. कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन में प्रभावित मजदूर के परिवार भी आवेदन करके लाभ ले सकते हैं.
- इस योजना के तहत चूजों की सुरक्षा के लिए पिंजरा/केज निर्माण हेतु 1,000 रुपये का अनुदान भी मिलेगा.
- लाभार्थियों से 28 दिन के 45 low input variety coloured Chicks के लिए 10 रुपये प्रति चूजा के हिसाब से लियाा जाएगा.
- समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी जिले के पशुपालन विभाग के कार्यालय या जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) से भी संपर्क कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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