International Millet Year 2023: भारत सरकार की पहल पर इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर मनाया जा रहा है. देश में जिन राज्यों में मोटे अनाज का उत्पादन होता है. वो सभी मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कवायद कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार भी राज्य सरकारों को मोटे अनाज की उपज बढ़ाने के लिए प्रोत्सोहित कर रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज को बढ़ावा देने की अपील कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश ने मोटे अनाज को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. 


उत्तर प्रदेश में 15 जनवरी से मनाया जाएगा मिलेट ईयर
उत्तर प्रदेश में 15 जनवरी से मिलेट ईयर की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी शुरुआत करेंगे. इसके बाद प्रदेश सरकार मिलेट उत्पादों को बढ़ावा देगी. राज्य सरकार ने अगले 4 साल के लिए मोटा अनाज उत्पादन बढ़ावा देने का लक्ष्य भी तय कर दिया गया है. इसके लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी किसानों को जागरुक करेंगे. 


बाजरा की एमएसपी 2350 रुपये प्रति क्विंटल तय
उत्तर प्रदेश सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए उसकी एमएसपी भी निर्धारित कर रही है. अभी मोटे अनाज में केवल बाजरा की एमएसपी तय की गई है. उसकी एमएसपी 2350 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है. प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल सावा, कोदो, ज्वार अन्य मिलेट की एमएसपी भी तय कर दी जाएगी. 


प्रदेश में ये है मोटे अनाज का आंकड़ा
उत्तर प्रदेश के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में मोटे अनाज की प्रमुख फसलें बाजरा और ज्वार हैं. राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र प्रमुख बाजरा उत्पादक राज्य हैं. एरिया वाइज देखें तो राजस्थान में 43.48 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश 9.04 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 6.88 लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है. वहीं, उत्तर प्रदेश की उपज प्रति हेक्टेयर 2156 किलो ग्राम है. राजस्थान की उपज प्रति हेक्टेयर 1049 किलोग्राम और महाराष्ट्र की उपज 955 किलो ग्राम है. 


विश्व में मोटे अनाज उत्पादन में भारत सरताज
भारत मिलेट्स का कितना बड़ा उत्पादक देश है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व में 41 प्रतिशत मिलेट्स उत्पादन में अकेले भारत की है. एफएओ (खाद्य और कृषि संगठन) के अनुसार, 2020 में मिलेट्स का विश्व उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) था और भारत की हिस्सेदारी 12.49 एमएमटी थी. यह कुल बाजरा उत्पादन का 41 प्रतिशत है. भारत लगातार मिलेट्स उत्पादन में ग्रोथ भी कर रहा है. पिछले साल 15.92 एमएमटी के बाजरा उत्पादन की तुलना में 2021-22 में बाजरा उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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