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International Year of Millets 2023: मिलेट्स के इस बिजनेस से होगी चौतरफा कमाई, इस स्कीम के जरिए सरकार भी देगी इंसेंटिव

Millets Business: सरकार ने मोटे अनाजों को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी पीएलआई से जोड़ा है, जिसका मकसद मोटे अनाजों से फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाले निर्माता या उत्पादकों को इंसेंटिव दिया जाता है.

Millets Products: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलिट्स घोषित किया गया है.भारत पहले से ही मिलिट्स का बड़ा उत्पादक है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोग के पूरी दुनिया को मिलिट्स के बारे में जागरुक करने का मौका हमें ही  मिला है.  यह किसानों से लेकर देश की आम जनता के लिए बड़ा अवसर है. आप इस साल मिलिट्स से जुड़ा कुछ बिजनेस करके खूब पैसा और नाम कमा सकते हैं. फायदे की बात यह है कि मिलिट्स को चुनने पर आपको सरकार से भी प्रोत्साहन मिल सकता है.

जी हां, सरकार ने साल 2020 में ही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का आगाज किया है, जिसमें 13 सेक्टर के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग भी शामिल है. इस कैटेगरी के तहत कदन्न, पोषक अनाज या मोटे अनाज को भी शामिल किया है. यदि आप पोषक अनाजों के उत्पादक या इससे बने प्रोडक्ट्स के निर्माता हैं या फिर खुद का मिलिट्स बिजनेस करना चाहते हैं को इस योजना से लाभ ले सकते हैं.

क्या है उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना
डीडी किसान की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना एक आउटलुक बेस्ड स्कीम है, जिसमें कोई भी उद्यमी, निर्माता या उत्पादक मोटे अनाजों से खाद्य उत्पाद बनाता है तो उसे सरकार की तरफ से निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इस स्कीम का मेन फोकस मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाना है.

इस स्कीम से मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कैंपेन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्व-रोजगार के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार का सृजन हो सके. बता दें कि यह योजना 5 साल के लिए चलाई गई है, जिसके तहत यदि मोटे अनाजों के खाद्य उत्पादों का उत्पादन बढ़ा गया है तो लाभार्थी को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाती है.

एक तरह से देखा जाए तो इसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर किसानों को भी फायदा होगा. इससे भारत को फूड हब के तौर पर रिप्रेजेंट करने में मदद मिलेगी ही, इंटरनेशनल मार्केट में भारत के मिलिट्स ब्रांड्स को प्रोत्साहन भी मिलेगा. 

मिलिट्स के लिए कैसे मिलेगा फायदा
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना की मदद से कृषि उपज के लाभकारी मूल्य को सुनिश्चित करने में खास मदद मिलेगी और किसानों की आय का रास्ता भी साफ होगा. इस साल मेन फोकस तमाम फूड प्रोडक्ट्स में पोषक अनाजों को शामिल करने और इसकी मार्केटिंग को बढ़ाने पर रहेगा. इस स्कीम में पोषक अनाजों के 'रेडी टू कुक' और 'रेडी टू ईट' प्रोडक्ट्स शामिल किए जाएंगे.

इन प्रोडक्ट्स में यदि 15 प्रतिशत से अधिक पोषक अनाज होगा तो प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन बढ़ाने पर सरकार से इंसेंटिव मिलने लगेगा, हालांकि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं, जिसमें किसी भी रजिस्टर्ड कंपनी से लेकर एलएलपी, साझेदारी फर्म, सहकारी संस्था, लघु और सूक्ष्म उद्योग भी आवेदन कर सकते हैं. 

किसी भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर ले सकते हैं फायदा
भारत के प्रस्ताव और 72 देशों के समर्थन पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को ​अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया है. इस साल ना सिर्फ पोषक अनाज का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस रहेगा, बल्कि इसे लोगों की थालियों तक भी पहुंचाने पर जोर रहेगा.

इस काम में फूड प्रोसेसिंग यूनिट मददगार साबित होगी, क्योंकि इन यूनिट्स में मिलिट्स से तमाम फूड प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते है, जिन्हें लोग अपनी जीवनशैली में शामिल करेंगे और इन प्रोसेसिंग यूनिट्स के जरिए किसानों को भी मिलिट्स की उपज के सही दाम मिल पाएंगे.

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना में फूड कैटेगरी के तहत पोषक अनाजों का शामिल किया गया है. यदि आप किसी भी फसल की फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस या करना चाहते हैं, तब भी इस योजना का लाभ मिलेगा.

क्या है आवेदन की पात्रता
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत जो लोग पहले से ही मिलिट्स की फूड प्रोसेसिंग कर रहे हैं या जो इस साल फूड प्रोसेसिंग बिजनेस करना चाहते हैं, तो इस स्कीम में आवेदन कर सकते हैं. इस स्कीम का लाभ मिलिट्स के फूड प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ाने पर दिया जाएगा. शर्त सिर्फ यही है कि लघु और सूक्ष्म खाद्य उद्यमों (Micro Food Enterprises) को अपनी एक साल पहले तक की सेल 2 करोड़ तक दिखानी होगी.आवेदन के समय मिलिट्स के जो उत्पाद आपकी कंपनी या फर्म से बनाए हैं, उनका फोटो लगानी होगी. 

  • इसका लाभ लेने के लिए ऑर्गेनाइजेशन को एक स्वप्रमाणित वार्षिक रिपोर्ट और बैलेंस शीट लगानी होगी. इसमें 3 साल का टैक्स और प्रॉफिट भी दिखाना होगा.
  • यदि आप मिलिट्स की प्रोसेसिंग का बिजनेस/ लघु या सूक्ष्म उद्योग कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो उद्यम पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
  • इसके बाद उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम का लाभ लेने के लिए https://www.mofpi.gov.in/ पर आवेदन करना होगा. 
  • यदि आप इस स्कीम के लाभार्थी बन जाते हैं तो पहले साल में मिलिट्स के उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर 10-10 प्रतिशत और फिर 8 प्रतिशत इंसेंटिव दिया जाएगा

यदि आप भी मिलिट्स से जुड़ा प्रोसेसिंग बिजनेस करना चाहते हैं तो उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ ले सकते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें:- क्यों इतना खास है मोटा अनाज? खेती करने पर किसानों को कौन-कौन से फायदे मिलते हैं

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