Apple Supple in India: देश (India) में इस साल सेब सस्ता मिल सकता है. वहीं कश्मीर के किसान पहली बार सेब की फसल को लेकर चिंतित हैं, हालांकि अब तक सेब की कीमतों को लेकर कोई कदम सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन टेंशन का सबब यह है कि जम्मू कश्मीर के लिए 15 किलो के एक डिब्बे का दाम 1,000 रुपये (Apple Price in India) था.


अब वहीं ये दाम सिर्फ 500 रुपये रह गया है. उम्मीद है कि भारत सरकार (central govt of India) की ओर से कोई कदम उठाने के बाद ही सेब के दामों में गिरावट आई है. इस संबंध में जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है, जिसके चलते वे लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं. 


क्यों महंगा हो सकता है सेब


किसी भी सब्जी या फल के महंगे होने का असर उसके आयात-निर्यात पर निर्भर करता है. सेब के मामले में भी विशेषज्ञ ऐसी ही आशंका जता रहे हैं. इस मामले में सेब उत्पादकों का कहना है कि इस समय अधिकतर किसान सेब तोड़ने का इंतजार कर रहे हैं.


पिछले साल 15 किलोग्राम सेब का एक डिब्बा 1000 रुपये का बिक रहा था, लेकिन इस बार कीमत महज 500 रुपये रह गई है. अगर इसी हिसाब से सेब की बिक्री होती रही, तो सेब की उत्पादन लागत भी वसूल नहीं हो पाएगी.  


सेब के रेट क्यों हो रहे कम


दरअसल, भारत खुद ईरान से बेहद सस्ती दरों पर सेब खरीद रहा है और उसी हिसाब से यहां के बाजारों में सेब को बेचा जा रहा है. अब असल संकट यह है कि ईरान से सस्ते सेब की सप्लाई (Apple Supply in India) होने के बाद भारतीय सेबों को कुछ व्यापारी महंगे दामों पर नहीं बेच सकते हैं.


इस मामले में किसानों का कहना है कि ईरान से आयात (Apple Import from Iran)  होने वाले सेबों के कारण ही भारत में सेब की कीमतें कम हो गई हैं. यही वजह है कि अब सेब उत्पादक किसानों ने सरकार के सामने ईरान से आयात हो रहे सेबों पर प्रतिबंध (Ban on Apple Import) लगाने की मांग रखी है.


सेबों से जम्मू-कश्मीर कमाता 1500 करोड़


जाहिर है कि भारत में सेबों का सर्वाधिक उत्पादन जम्मू-कश्मीर (Apple farming in Jammu-Kashmir) में होता है. यहीं के सेब उत्पादन से भारत को विश्व में सातवां स्थान मिला है. सभी फलों के उत्पादन में इसका हिस्सा देश में 3 प्रतिशत है. सेब की खेती (Apple Cultivation) से प्रदेश को करीब 1500 करोड़ की आमदनी होती है.


विश्वस्तर पर देखा जाए तो फ्रांस, इटली, चिली व अन्य देशों में भी सेब का उत्पादन 40 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर होता है. भारत में यह 11 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है. सरकार का जोर है कि आस पास के प्रदेशों में भी सेब का उत्पादन (Apple Production in India) बढ़ाया जाए, जिससे कि भारत को सेब के उत्पादन में टॉप ले जा सकें.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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