Irrigation Benefits: धान खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है. देश मेें करोड़ों की संख्या में करोड़ों की संख्या में ही किसान धान की खेती करते हैं. धान से किसान अच्छी उपज भी पा लेते हैं. वहीं, धान अधिक पानी आपूर्ति वाली फसल है, यानि धान की खेती के लिए अधिक पानीचाहिए होता है. अभी आंकड़ों में जानने की कोशिश करेंगे कि धान के पौधे को कितने पानी सिंचाई कर सकते हैं. की जरूरत होती है. कैसे पानी की खपत कम की जा सकती है. सूखाग्रस्त क्षेत्रों किसान कैसे कम पानी का प्रयोग कर अच्छी फसल पा सकते हैं.
एक हेक्टेयर में लगता है 50 लाख लीटर पानी
देश के हर हिस्से में लोग चावल खाना पसंद करते हैं. एक बार अनाज की रोटी न खाएं, मगर बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जोकि बिना चावल खाए नहीं रहते हैं. इसी कारण धान की खेती अधिकांश राज्यों में होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धान की खेती करने के लिए बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है एक हेक्टेयर धान की खेती करने में 50 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है.
नर्सरी में इतने पानी की जरूरत पड़ती है
धान की बुवाई करने से पहले उसकी पौध नर्सरी में तैयार में की जाती है. इसे तैयार करने में भी बहुत अधिक पानी लगता है. विशेषज्ञों के अनुसार, एक किलो धान का प्रॉडक्शन करने में करीब 1800 लीटर से लेकर 4000 लीटर तक पानी प्रयोग में आ जाता है. लेकिन अंतराल विधि से धान की सिंचाई करते हैं तो पानी की खपत को बहुत कम किया जा सकता है.
कम पानी के लिए इस तरह करें खेती
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान चाहे तो बंजर भूमि पर भी धान की खेती की जा सकती है. किसानोें को सिंचाई के अंतराल में अंतर लाकर धान की सिंचाई करनी होगी. इसके लिए किसानों को दो से तीन दिन के अंतराल पर धान की सिंचाई करनी होगी. इसके लिए 5 से 10 सेमी ही गहरी सिंचाई करनी होगी. इससे खासी पानी की बचत होगी. इस विधि से किसान कम पानी में भी धान की खेती कर लेंगे. वहीं, उत्तर प्रदेश में 1.37 मिलियन हेक्टेयर भूमि ऊसर है. इस तरह की भूमि पर खेती करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन आजकल प्रचालति विधि से इस तरह की खेती की जा रही है.
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