Save Water Save Money: भारत में खरीफ फसलों की बुवाई का काम बड़े जोरों-शोरों पर चल रहा है. ऐसी स्थिति में किसान उन तकनीकों पर जोर दे रहे हैं, जो खेती की लागत और मानव श्रम की बचत कर सकें. खासकर सिंचाई व्यवस्था की बात करें तो देश के ज्यादातर इलाकों में पानी का संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में भारत सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरिये किसान सिंचाई यंत्र खरीद सकते हैं. जानकारी के लिये बता दें कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी किसानों को अलग-अलग दरों से सब्सिड़ी दे रहे हैं. बात करें राजस्थान की, तो यहां बाजरा, ज्वार, मूंगफली, कपास, मक्का, गन्ना, सोयाबीन और दूसरी बागवानी फसलों की बुवाई की जा रही है. ऐसे में पानी की कमी और पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था ना होने पर फसलों की बुवाई प्रभावित हो सकती हैं.
समय पर करें सिंचाई का इंतजाम
किसी भी कृषि कार्य में देरी न हो, इसलिये किसानों को समय पर ही सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त कर लेनी चाहिये. क्योंकि ज्यादातर कृषि कार्य पानी पर ही निर्भर करते हैं और राजस्थान में भी पानी की कमी का संकट देखा जाता है. ऐसे में किसानों को पानी के बचत वाली तकनीक पर फोकस करना चाहिये. किसान चाहें तो पानी और पैसे का खर्च बचाने के लिये ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई पद्धति या स्प्रिंकलर सिस्टम लगातर समय और धन दोनों की बचत कर सकते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई पद्धति या स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई करने पर 60%-70% तक पानी की बचत देखी गई है. खेती में जरूरत के हिसाब से पानी इस्तेमाल करने पर उत्पादन में 20%-30%तक की बढोत्तरी दर्ज की गई है.
सिंचाई यंत्रों पर सब्सिड़ी
केंद्र सरकार द्वारा सिंचाई के लिये कृषि यंत्रों की खरीद और प्रबंधन के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिड़ी देने का प्रावधान है. इसके अलावा कई राज्य सरकारें अलग-अलग दरों से किसानों को अनुदान दे रही हैं, राजस्थान सरकार की बात करें तो सिंचाई यंत्रों पर किसानों को 60% तक सब्सिड़ी का प्रावधान है. वहीं बिहार और छत्तीसगढ़ सरकार भी अपने किसानों को सिंचाई यंत्रों की खरीद पर 75% तक राहत प्रदान कर रही हैं. बात करें उत्तर प्रदेश सरकार की तो यहां लघु और सीमांत किसानों को ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम की खरीद पर 80%-90% तक की सब्सिड़ी दी जा रही है.
किसे मिलेगा सब्सिड़ी का लाभ
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही सिंचाई योजनाओं का लाभ लेने के लिये नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं, वहां सिंचाई योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ उनके इस्तेमाल की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिये किसानों की पात्रता कुछ इस तरीके से निर्धारित की गई है.
- आवेदक किसान के पास अपनी कृषि भूमि और जल स्रोत मौजूद होने चाहिये.
- इस योजना से सहकारी समिति के सदस्य, स्वयं सहायता समूह, कृषि कंपनी, पंचायती राज संस्था, गैर सहकारी संस्था, किसान उत्पादक संगठन और खुद किसान भी से लाभान्वित हो सकते हैं.
- कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत खेती करने वाले किसान और खुद कंपनियां भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं.
- पट्टे पर खेती और बागवानी करने वाले किसान भी सिंचाई यंत्रों के लिये आवेदन कर सकते हैं.
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