Irrigation of Crops: देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वैसे तो इस ठंड मेें पानी की उतनी अधिक जरूरत नहीं होती है. लेकिन ठंड के साथ पड़ रहे पाले के कारण फसलें बर्बाद होने लगी है. इन्हें बचाने के लिए पानी की जरूरत होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि पाले से बचाव के लिए सिंचाई सबसे अच्छा उपाय है. इससे तापमान नियंत्रित रहता है. किसान भी सुझावों को मानते हुए सिंचाई कर पाले से फसलों को बचाव कर रहे हैं. उन किसानों के सामने दिक्कत आ रही है, जिनके पास पानी का साधन नहीं है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे ही किसानों को बड़ी राहत दी है. 


छत्तीसगढ़ में सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा पानी


छत्तीसगढ़ के कुछ एरिया में सिंचाई के लिए पानी का संकट होने की खबरें सामने आ रही हैं. उत्तर बस्तर कांकेर जिला इसी में से एक हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिंचाई को पानी के लिए किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. जल संसाधन विभाग कांकेर ने मयाना जलाशय चारामा और परलकोट जलाशय कापसी से नहरों में पानी छोड़ दिया है. जल्द ही पानी किसानों के खेत के पास तक पहुंच जाएगा. सिंचाई के लिए और भी बंदोबस्त विभागीय स्तर से किए जा रहे हैं. जिले में 68 लघु योजनाओं के 36 एनीकट व स्टाप डेमों से भी पानी छोड़ा गया है. 


5063 हेक्टेयर को मिलेगा पानी


फसल के रकबे की स्थिति को देखते हुए नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है. अब जो पानी छोड़ा जा रहा है. उससे 5063 बीघा में बोई गई फसल की सिंचाई हो सकेगी. विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि खेतों में सिंचाई के लिए नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है. किसान समय से सिंचाई कर लें. पानी की बर्बादी बिल्कुल न करें. 


खरीफ सीजन में करीब 20 हजार हेक्टेयर में हुई सिंचाई


जल संसाधन विभाग की ओर से सिंचाई का आंकड़ा जुटाया जा रहा वर्ष 2022-23 खरीफ सीजन में करीब 20 हजार हेक्टेयर में फसलों की सिंचाई की गई, जबकि वर्ष 2021-22 में सिंचाई का कुल रकबा 13 हजार 272 हेक्टेयर था. अधिकारियों का कहना है कि खरीफ सीजन में बारिश बहुत अधिक हुई है. इसलिए सिंचाई की उतनी अधिक नहीं है. किसान आराम से सिंचाई कर लें. वहीं विभागीय स्तर से रबी सिंचाई वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्येक गांव का सिंचाई क्षेत्र चिन्हित किया गया है. किसानों से कहा गया कि सिंचाई के लिए जो क्षेत्र निर्धारित किया गया है. उसी निर्धारण क्षेत्र के तहत किसान सिंचाई के पानी का प्रयोग करें. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



यह भी पढ़ें:- किसान-पशुपालकों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब दूध के साथ-साथ गोबर बेचकर होगी दोगुना कमाई, 1 किलो के मिलेंगे इतने दाम