Jackfruit Cultivation: आलू-प्याज की खेती कर के थक चुके किसान भाइयों के लिए ये खबर काम की है. जो किसान कृषि क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहते हैं वह जैकफ्रूट यानि कटहल की खेती कर शानदार लाभ पा सकते हैं. कटहल का इस्तेमाल सब्जी और फल दोनों ही रूप में किया जाता है. कई घरों में तक इसका अचार भी डाला जाता है जोकि खाने में बेहद ही स्वादिष्ठ होता है. कटहल बाजार में भी बेहद डिमांड में रहने वाली सब्जियों में शामिल है.


कटहल में विटामिन और मिनरल अच्छी मात्रा होती है. इसमें विटामिन सी, विटामिन बी 6, नियासिन जैसे कई विटामिन मिलते हैं. इसके साथ ही कटहल में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, फास्फोरस, पोटैशियम व जिंक जैसे मिनरल्स भी होते हैं. कटहल को सदाबहार फसल भी कहा जाता है. इसकी खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है. झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, यूपी के अलावा भी कई अन्य राज्यों में कटहल की खेती की जाती है. दोमट मिट्टी को कटहल की खेती के लिए अच्छा माना जाता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कटहल के खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी जरूरी है.


खेत की अच्छी जुताई जरूरी


किसान भाई कटहल की खेती करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. अब खाद के रूप में खेत में गोबर डालें अब एक समान दूरी पर गड्ढे खोदकर कटहल के पौधे लगा दें. 15 दिन हो जाने के बाद किसान भाई खेत की सिंचाई करें. किसान खाद के तौर पर वर्मी कंपोस्ट और नीम की खली का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.


यदि आप अपने बाग में बीज सहित कटहल की खेती कर रहे हैं, तो 6 वर्ष में फल आने शुरू हो जाएंगे. उधर गूटी तरीके से खेती करने पर बेहद कम समय में ही कटहल के बाग में फल आ जाते हैं. एक हेक्टेयर में कटहल के करीब 140 से लेकर 150 तक पौधे लगाए जाते हैं. किसान भाई एक हेक्टेयर में ही कटहल की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.


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