Mushroom Production In Jammu Kashmir: देश के अलग अलग हिस्से में किसान अलग-अलग फसलों की खेती कर अच्छी कमाई करते हैं. मसलन ठंडे प्रदेश यानि पहाड़ों में काजू, बादाम, अखरोट की खेती खासे क्षेत्र में होती है. वहीं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में खेती का मिजाज अलग है. यहां गर्म क्षेत्रों के हिसाब वाली खेती की जाती है. वहीं, देश के एक राज्य में जापान की मशहूर खेती को उगाने की कवायद शुरू कर दी गई है.
जम्मू कश्मीर में सितंबर से होगी शिताके की खेती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना तैयार कर रही है. इसके लिए जापानी मशरूम का सहारा लिया जाएगा. शिताके मशरूम जापान की एक उत्तम प्रजाति है. इसे ही राज्य सरकार अब अपने राज्य में उगाएगी. राज्य में सितंबर से इसकी खेती शुरू कर दी जाएगी.
जापान की मूल उपज है शिताके
जापान की मूल उपज शिताके’ मशरूम है. इसे लेंटिनस एडोड्स कहा जाता है. इसमंे लेंटनिन नामक रसायन पाया जाता है. इसका प्रयोग इलाज पद्धति में किया जाता है. यह इम्यून सिस्टम बढ़ाने के साथ ही एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है. इस खेती से जम्मू कश्मीर के किसान अच्छी कमाई कर सकेंगे.
सूखाकर बेचने पर 15 हजार रुपये प्रति किलो
किसानों का कहना है कि बाजार में इस मशरूम की कीमत 1500 रुपये किलो तक है. यदि इसे सूखाकर बेचा जाए तो 15,000 रुपये प्रति किलो तक हो जाता है. राज्य में प्रथम चरण में 2,500 से अधिक किसान जुड़ेंगे. अभी तक मशरूम की तीन प्रजातियां बटन, डिंगरी और मिल्की मशरूम है. इसके अलावा अब चौथी प्रजाति शिताके मशरूम भी राज्य में उगाई जाएगी.