Japanese Red Diamond Guava: भारत में धान, गेहूं, मक्का जैसी परंपरागत खेती का चलन रहा है. किसान खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा भी कमाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं, गन्ना, मक्का जैसी फसलें किसान की कमाई का अच्छा सोर्स हैं. लेकिन लीक से हटकर काम करके भी किसान और बेहतर कमाई कर सकते हैं. आज हम ऐसी ही खेती के बारे में जानकारी देंगे, जिसकी बुवाई कर किसान बंपर पैदावार पा सकते हैं. 


जापानी रेड डायमंड अमरूद है मुनाफे की खेती
देश में जापानी रेड डायमंड अमरूद की खेती का चलन बढ़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि रेड डायमंड अमरूद की खेती में मुनाफा कमाना है तो इसे सही सूझ बूझ से करने की जरूरत है. इससे सालाना लाखों रुपये तक की कमाई की जा सकती है. 


ऐसी जलवायु, मिट्टी होनी चाहिए
किसान जापानी रेड डायमंड अमरूद की खेती करना पसंद करते हैं. इसे 10 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री सेल्सियस पर बेहतर उपज पाई जा सकती है. हालांकि तापमान यदि थोड़ा कम भी रह जाये तो भी किसानों को परेशान होने की जररूत नहीं होती है. इसकी उपज पर फर्क नहीं पड़ता है. यदि इसकी उपज के लिए मिट्टी की बात करें तो यह काली, बलुई दोमट मिट्टी में अच्छा हो जाता है. पीएच 7 से 8 होना चाहिए. 


इतनी दूरी पर लगायें पौधे
जापानी डायमंड की खेती करते समय इसके बीच में स्पेस का ध्यान रखना भी जरूरी है. कतार से कतार में 8 फीट और पौधे से पौधे में 6 फीट की दूरी होनी चाहिए. पौधे की ग्रोथ सही हो, इसके लिए साल में दो बार इसकी छंटाई कर दें. यदि फल चीकू के साइज का हो जाये तो इसे फोम बैग या अखबार से ढक दें. इससे अमरूद में पकाव अच्छा आता है. दाग, धब्बे भी नहीं लग पाते हैं. 


खाद, सिंचाई का ख्याल रखना जरूरी
वैसे तो हर फसल की तरह इसमें भी गोबर और वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग किया जाना बेहतर है. इससे जमीन की उर्वरकता बढ़ती है. इसके अलावा रासायनिक उर्वरकों में एनपीके सल्फर के अलावा, कैल्शियम नाइट्रेट, मैग्नीशियम सल्फवत, बोरान का प्रयोग किया जा सकता है. पौध को पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई बेहतर है. नहीं तो सामान्य सिंचाई समय पर जरूर करनी चाहिए. 


इतनी होती है कमाई
जापानी रेड डायमंड अमरूद दिखने में अंदर से तरबूज जैसा सुर्ख लाल, नाशपाती जितना मीठा होता है. देशी अमरूद जहां बाजार में 50 से 60 रुपये किलो बिकता है. वहीं जापानी रेड डायमंड अमरूद 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक जाता है. सामान्य अमरूद के मुकाबले 3 गुना तक कमाई होती है. जबकि लागत बहुत अधिक नहीं आती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



यह भी पढ़ें:- Organic Farming: इस राज्य में 85 हजार हेक्टेयर में होगी गौ आधारित प्राकृतिक खेती, बढ़ेगी किसानों की इनकम