किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! 29 दिसंबर तक खाते में पहुंच सकते है 3,500 रुपये, 2 दिन में पूरा कर लें ये काम
Crop Loss Compensation: नए साल से पहले ही झारखंड के किसान परिवारों के खाते में 3,500 रुपये का राहत अनुदान ट्रांसफर होना है. उम्मीद है कि इस राहत स्कीम के तहत 29 दिसंबर तक ये पैसा भेज सकते हैं.
Farmers Scheme: जल्द नए साल का आगाज़ होने वाला है. ये साल भी किसानों के लिए मिला जुला ही रहा. शुरुआत से ही मौसम की अनिश्चितताओं खेती और किसानों पर हावी रहीं. कहीं बारिश तो कहीं सूखा जैसे हालातों ने किसानों परिवारों की हालत को दयनीय बना दिया. इस चुनौतियों के बीच किसानों की सहायता के लिए कई राज्य सरकारें भी आगे आईं और किसानों के लिए मुआवजा राशि का ऐलान किया. इसी बीच झारखंड की सरकार भी आगे आई और मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत किसान परिवारों की मदद करने की घोषणा की. अब झारखंड के सूखाग्रस्त किसान परिवारों के खाते में सरकार ने 29 दिसंबर 2022 तक 3,500 रुपये का अनुदान देने का प्रावधान है.
25 दिसंबर तक करें आवेदन
यदि आप भी झारखंड के किसान हैं. सूखा जैसे हालातों के चलते खरीफ फसलों की खेती नहीं कर पाए तो ये मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना आप ही के लिए ही, जिसके तहत 25 दिसंबर तक आवेदन करने वाले किसाव परिवारों को 3,500 रुपये सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे. अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये पैसा 29 दिसंबर यानी झारखंड दिवस के अवसर पर किसान परिवारों को मिलेगा.
22 जिलों में पड़ा भयंकर सूखा
आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के 24 जिलों में से 22 जिलों में सूखा जैसे हालातों ने 11 लाख 21 हजार 556 किसानों को काफी नुकसान किया है. बारिश की कमी के चलते मिट्टी अपनी नमी खो चुकी है.यही वजह है कि कई किसान खरीफ सीजन में धान की रोपाई ही नहीं कर पाए. धान की तैयार पौध बिना रोपाई के ही बर्बाद हो गई. इसी नुकसान की भरपाई हेतु किसानों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए राज्य सरकार ने सूखा राहत स्कीम चलाई है.
लाखों किसानों ने किया आवेदन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत फसल नुकसान मुआवजे के लिए 10 लाख 30 हजार 540 के करीब आवेदन प्राप्त किए गए हैं. वहीं झारखंड राज्य फसल स्कीम के तहत कुल 12 लाख 27 हजार 626 किसानों ने अप्लाई किया है.
इन सभी आवेदनों में 3 लख 2 हजार 860 आवेदन भूमिहीन किसान और मजदूरों भी हैं, जो खेती ना पाने के कारण मेहनत-मजदूरी से वंचित रहे. एक अनुमान के मुताबिक, झारखंड के करीब 8 लाख 33 हजार 750 किसानों की फसलों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान देखने को मिला है.
इन जिलों में भारी नुकसान
झारखंड राज्य धान का एक प्रमुख उत्पादक है, लेकिन इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य में बारिश का अभाव रहा. जब मिट्टी को नमी नहीं मिल पाई तो किसान धान की खेती ही नहीं कर पाए. राज्य के 24 जिलों में से 22 जिलों के ज्यादातर गांव सूखाग्रस्त पाए गए हैं. करीब 226 प्रखंडों में लाखों किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
रिपोर्ट्स बताती है कि झारखंड राज्य फसल राहत स्कीम चलाई है, जिसमें सबसे ज्यादा आवेदन पलामू, देवघर और गढ़वा से प्राप्त हुए हैं. इसी के विपरीत राज्य में सूखा के बावजूद कई इलाकों में धान की फसल ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम में अच्छी बारिश हुआ, जिससे किसानों को धान की अच्छी उपज मिली है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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