Subsidy on Dairy Animals: भारत के एक कृषि प्रधान देश है. यहां की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पशुपालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बनता जा रहा है. गांव से अब कृषि उत्पादों के साथ-साथ डेयरी उत्पादों का भी भरपूर उत्पादन मिल रहा है. आज भारत के छोटे-छोटे गांव से निकले डेयरी प्रोडक्ट्स देश-विदेश में भेजे जा रहे हैं. अब किसान भी खेती के साथ-साथ डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं.
गाय-भैंस की कई ऐसी नस्लें भी हैं, जो अच्छी मात्रा में दूध उत्पादन देती हैं. ऐसे में सिर्फ एक या दो मवेशियों के साथ डेयरी व्यवसाय करने पर अच्छी आजीविका कमा सकते हैं. झारखंड सरकार ने भी ऐसी ही योजना चलाई है, जिसके तहत दुधारू पशु खरीदने पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है. इस योजना की एक बड़ी खासियत ये भी है कि दुधारू पशु की खरीद पर सिर्फ किसानों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं, निराश्रित महिलाओं, विधवा महिलाओं, विकलांगों और निसंतान दंपतियों को भी राहत दी जा रही है. इस तरह समाज कल्याण का उद्देश्य भी पूरा होता है.
दुधारू पशु खरीदने पर सब्सिडी
दुधारू पशुओं की खरीद पर 90 प्रतिशत सब्सिडी देने का उद्देश्य साफ है. इससे ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होगा. वहीं झारखंड सरकार भी राज्य को दुधारू पशुओं पर 90 फीसदी सब्सिडी देने वाला पहले राज्य बनाना चाहती है. इस योजना को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना नाम दिया गया है, जो राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) का ही हिस्सा है. बता दें कि इस योजना के तहत पहले राज्य में सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को दुधारू पशु खरीदने पर सिर्फ 50 प्रतिशत तक ही सब्सिडी दी जाती थी. बाद में ग्रामीण विकास और समाज कल्याण के उद्देश्य से इस रकम को बढ़ाकर 90 फीसदी तक दिया गया.
दुग्ध उत्पादक समितियों को अनुदान
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana) के तहत दुग्ध उत्पादक समितियों को भी शामिल किया गया है. इन्हें भी 90 प्रतिशत तक के अनुदान का प्रावधान है. बता दें कि इस योजना के तहत आग या सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों की महिलाओं और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को शामिल किया गया है. इन श्रेणी के लोगों को दो दुधारू पशु (गाय और भैंस) खरीदने के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. इम सभी के अलावा बाकी सभी उम्मीदवारों को 75 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है.
चैफ कटर वितरण योजना
झारखंड सरकार ने राज्य के प्रगतिशील डेयरी किसानों के लिए भी आर्थिक सहायता की योजना चलाई है, जिसके तहत हस्तचालित चैफ कटर का वितरण किया जाता है. इस योजना के तहत एससी-एसटी पशु किसानों और दूध उत्पादक समितियों को 90 फीसदी अनुदान का प्रावधान है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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