PM Matasya Sampada Yojana: देश के ग्रामीण इलाकों में मछली पालन का चलन बढ़ता जा रहा है. यह पशुपालन की तरह ही एक अच्छी आमदनी का जरिया बन गया है. पहले मछली पालन सिर्फ नदी और समंदर तक ही सीमित था. एक विशेष मछुआ समुदाय की मछली पकड़ने का काम किया करते थे, लेकिन आज मछली की बढ़ती डिमांड ने गांव-गांव में किसानों को मछली पालने के लिए प्रेरित किया है. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती है और खेती की जमीन का भी सही इस्तेमाल हो जाता है. इससे भूजल स्तर भी कायम रहता है. अच्छी बात यह है कि इस काम के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग दे रही हैं.  


केंद्र ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matasya Sampada Yojana) भी चलाई है, जिसके तहत देशभर के किसानों मछली पालन को आधुनिक मछली पालन करने के लिए अनुदान दिया जाता है. राज्य सरकारें भी इस योजना में अपने अपने स्तर पर योगदान देती हैं.


इसी कड़ी झारखंड के किसानों के लिए एक जल्द अच्छी खबर आने वाली है. राज्य सरकार ने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान की राशि को 40% से बढ़ाकर 80% करने का फैसला किया है, हालांकि इस फैसले पर अभी कागजी कार्रवाई चल रही है, जिसके पूरा होते ही किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.


मछली पालन के लिए मिलता था 40% से 60% अनुदान 
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत झारखंड के किसान और मछली पालन को 40% से 60% तक अनुदान का प्रावधान है. इस स्कीम के तहत एससी, एसटी और महिला लाभार्थियों को 60% सब्सिडी दी जाती है.


वहीं सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40% अनुदान का प्रावधान है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 80% किया जा रहा है. इस मामले में कई बैठकें भी हुई है. जैसे ही इस प्रकार से कार्रवाई पूरी हो जाएगी तो किसानों को भी आधिकारिक तौर पर लाभ मिलना चालू हो जाएगा.


झारखंड में मछली पालन 
भारत में मछली पालन क्षेत्र के विकास-विस्तार में झारखंड भी अहम रोल अदा करता है. झारखंड में मछली पालन का काम तो बड़े पैमाने पर हो ही रहा है, यहां मछली की खपत भी काफी ज्यादा है. मछलियों आधिकारिक उत्पादन हासिल करने के लिए अब किसान मछली पालक और मछुआरे नई तकनीकों को अपना रहे हैं.


प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत इन तकनीकों के लिए ट्रेनिंग और यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. राज्य में मछली पालन क्षेत्र के विस्तार के लिए पिछले साल सरकार ने झारखंड में 2,15,000 मीट्रिक टन मछली उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जबकि इस साल 2,57,000 मीट्रिक टन मछली उत्पादन (Fish Production) किया जाना है.


लोन भी देगी सरकार 
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों, मछली पालकों और मछुआरों को तकनीकी जानकारी प्रशिक्षण और आर्थिक अनुदान देती ही हैं, लेकिन बाकी के खर्चों को निपटाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर मछली पालन क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card) भी चलाई जा रही है, जिसके तहत 1 लाख 60,000 तक का बिना गारंटी का लोन दिया जाता है.


इस स्कीम के नियम और शर्तों को पूरा करके अधिकतम 3 लाख तक का लोन सस्ती दरों पर ले सकते है. इस लोन पर किसानों को 7% ब्याज का भुगतान करना होता है. अगर समय पर लोन चुका दिया जाए तो सरकार की तरफ से 4% सब्सिडी भी दी जाती है.


इस तरीके से सिर्फ 3% ब्याज दरों का भुगतान करना होगा. यदि आप भी मछली पालन से जोड़कर अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं तो पीएम मत्स्य संपदा योजना (PM Matasya Sampada Yojana) की ऑफिशियल साइट पर विजिट कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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