Kinnow Production In Punjab:देश के किसानों के लिए ये साल संकट भरा रहा है. बाढ़, बारिश और सूखे ने देश के किसानों को खूब परेशान किया. किसानों की करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हो गई. अब बारिश से राहत मिली तो कीटों का हमला किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा है. महाराष्ट में पपीते, मिर्च और अमरूद की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है. अब खबर पंजाब से हैं. यहां भी किन्नू का उत्पादन प्रभावित है. इससे किसान काफी परेशान हैं. किन्नू उत्पादन प्रभावित होने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है. 


पानी की कमी से पंजाब में घट सकता है 25 प्रतिशत उत्पादन
पंजाब के किसानों के सामने किन्नू उत्पादन में सबसे बड़ा संकट इस बार पानी बना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब मेें किसानों को नहर का पानी नहीं मिल रहा है. इसके अलावा कुएं से सिंचाई करने में भी दिक्कत आ रही है. नार्मल से अधिक तापमान होने के कारण किसानों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है. इन सब वजहों राज्य में किन्नू के उत्पादन में 25 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की जा सकती है. अधिकारियों का कहना है कि किन्नू के उत्पादन में करीब 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की जा सकती है. 


नहीं मिल सका सिंचाई के लिए पानी
किन्नू उत्पादन से जुड़े लोगों का कहना है कि अबोहर जिले के बड़े एरिया को फरवरी और मई के बीच में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल सका है. इसी कारण किन्नू के पेड़ों की सिंचाई नहीं हो सकी. जब किन्नुओं पर फूल आना शुरू हुआ. उस समय तापमान अधिक हो गया. फूल झड़ने शुरू हो गए. उत्पादन कम होने के यही बड़े कारण बने हैं. 


विभाग कुछ, किसान कुछ और कह रहे
पंजाब के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पंजाब मे किन्नू का एवरेज प्रॉडक्शन होता है. इस बार पानी की कमी के कारण यह 9 लाख टन रह सकता है. करीब 25 प्रतिशत की गिरवट दर्ज की जाएगी. वहीं किसानों का कहना है कि अधिक तापमान और सिंचाई में पानी की कमी के कारण 40 से 50 प्रतिशत तक किन्नू उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा सकती है. 


पंजाब में सबसे ज्यादा पैदा होता है किन्नू
किन्नू वैसे तो कई राज्यों में पैदा होता है. लेकिन पंजाब की बात करें तो यह सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. यहां करीब 59,000 हेक्टेयर भूमि में किन्नू बोया जाता है. सालाना उत्पादन लगभग 12 लाख टन होता है. किन्नू फसल की कटाई दिसंबर में शुरू होकर फरवरी माह के अंत तक चलती है. पंजाब में अबोहर सबसे बड़ा किन्नू उत्पादक जिला है. अकेले अबोहर में 35,000 हेक्टेयर क्षेत्र में किन्नू उगाया जाता है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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