Kisan Credit Card: इन वजह से KCC लेने वालों की संख्या घटी, अब सरकार ने किसानों के लिए बनाया ये प्लान
आर्थिक मदद पाने के लिए किसान केसीसी बनवा लेते हैं. लेकिन केंद्र सरकार के जो आंकड़े सामने आए हैं. उसके अनुसार 5 राज्यों में केसीसी बनवाने वालों की संख्या 88 प्रतिशत तक घटी है
KCC Benefit: पिछले तीन वर्षों में जारी किए गए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की कुल संख्या में 56 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. जबकि इससे मिलने वाली धनराशि में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई है,. केंद्र सरकार की ओर से सामने आए आंकड़ों में यह सामने आया है. किसान क्रेडिट कार्ड के घटे आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है. वहीं केद्र सरकार ने भी और अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिलाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है.
5 राज्यों का रिकॉर्ड खराब, त्रिपुरा में 96 प्रतिशत गिरावट
देश में किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में 5 राज्यों का रिकॉर्ड खराब सामने आया है. इनमें त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, पश्चिमबंगाल और असम शामिल हैं. त्रिपुरा में 96.20 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 93.33 प्रतिशत, चंडीगढ़ 85.09 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल 83.11 प्रतिशत, असम में 82.73 प्रतिशत कमी दर्ज की गई. अगर केवल इन राज्यों का प्रतिशत ही देखें तो इन 5 राज्यों में ही 88 प्रतिशत तक गिरावट केसीसी बनवाने में आई है.
किसान क्यों नहीं बनवा रहे क्रेडिट कार्ड
इस पर भी मंथन शुरू हो गया है कि किसानों ने क्रेडिट कार्ड बनवाने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाइ्र. जबकि इसका ब्याज प्रतिशत भी 4 से 5 ही है. जबकि बैंक 9 से 12 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज देते हैं. इसके पीछे वजह सामने आई कि किसान बैंक से लोन लेकर जमा नहीं किया. बाढ़, बारिश और सूखे से पफसल को नुकसान लोन न जमा करने के पीछे बड़ी वजह बना.
इसलिए भी नहीं मिले कार्ड
सभी किसानों को कार्ड नहीं मिल पाने का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ लेने के लिए किसानों के पास अपने नाम से जमीन होना जरूरी है. मार्च क्लोजिंग के समय पूरी राशि एक साथ जमा करनी होगी. दोनों ही मानकों पर अधिकांश खरे नहीं उतर पाते हैं. इसलिए भी कार्ड नहीं मिल पाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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